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This Article is From Feb 13, 2024

बिलावल के दौड़ से हटने के बाद नवाज शरीफ के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने की संभावना मजबूत

बिलावल ने अपनी अध्यक्षता में हुई पीपीपी की उच्चाधिकार प्राप्त केंद्रीय कार्यकारी समिति की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी केंद्र में सरकार बनाने के लिए जनादेश प्राप्त करने में विफल रही. बिलावल (35) ने कहा, ‘‘इस वजह से मैं खुद को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की दौड़ के लिए आगे नहीं रखूंगा.’’

बिलावल के दौड़ से हटने के बाद नवाज शरीफ के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने की संभावना मजबूत
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी के प्रधानमंत्री पद की दौड़ से पीछे हटने के साथ पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के प्रमुख नवाज शरीफ के चौथी बार देश के प्रधानमंत्री बनने की संभावना मजबूत हो गई है. जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों के संसद में सबसे अधिक सीटें जीतकर आश्चर्यचकित करने के बावजूद, आम चुनाव के पांच दिन बाद पाकिस्तान की अगली सरकार कैसी होगी, इस पर सवाल मंडरा रहे हैं.

तीन प्रमुख दलों-पीएमएल-एन, पीपीपी या पीटीआई में से किसी ने भी आठ फरवरी को हुए आम चुनावों में नेशनल असेंबली में बहुमत हासिल करने के लिए आवश्यक सीटें नहीं जीती हैं. इसलिए, अपने दम पर सरकार बनाने में वे असमर्थ होंगे.

बिलावल ने अपनी अध्यक्षता में हुई पीपीपी की उच्चाधिकार प्राप्त केंद्रीय कार्यकारी समिति की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी केंद्र में सरकार बनाने के लिए जनादेश प्राप्त करने में विफल रही. बिलावल (35) ने कहा, ‘‘इस वजह से मैं खुद को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की दौड़ के लिए आगे नहीं रखूंगा.''

इससे पहले, पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर पुष्टि की कि पीएमएल(एन) के प्रमुख नवाज शरीफ (74) चौथी बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे. शहबाज ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैंने कहा था कि नवाज शरीफ चौथी बार प्रधानमंत्री बनेंगे, और मैं आज भी इस बात पर कायम हूं कि वह चौथी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं.''

शहबाज शरीफ ने कहा कि उन्होंने बिलावल और उनके पिता आसिफ अली जरदारी से बात की है और नवाज शरीफ को समर्थन देने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है. उन्होंने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘हमें उम्मीद है कि हम साथ मिलकर पाकिस्तान को सभी राजनीतिक और आर्थिक संकटों से बाहर निकालने में सक्षम होंगे, इंशाल्लाह.''

सरकार गठन को लेकर पीएमएल-एन और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने भी मंगलवार को बैठक की है. दोनों पार्टियां आपसी सहयोग से आगे बढ़ने पर सहमत हुईं और शहबाज शरीफ ने समर्थन के लिए एमक्यूएम-पी को धन्यवाद दिया. एमक्यूएम के संसद में 17 सांसद हैं. शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने पीपीपी के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद पीएमएल-एन एकमात्र ऐसी पार्टी रह गई, जिसने पीपीपी को सरकार में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है.

इमरान खान ने देश में किसी भी मुख्य राजनीतिक दल के साथ गठबंधन की सरकार बनाने के विचार को खारिज कर दिया और दावा किया कि काले धन को सफेद बनाने के काम में बड़े पैमाने पर लगे लोगों को सत्ता में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक खान(71) ने रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अडियाला जेल में संवाददाताओं से बात की. खान और उनकी पार्टी के कई सहयोगी कई मामलों में दोषसिद्धि को लेकर कई महीनों से जेल में बंद हैं.

खान ने कहा कि पीएमएल-एन, पीपीपी और मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के साथ कोई बातचीत नहीं होगी लेकिन उन्होंने अन्य सभी पार्टियों और समूहों से संपर्क करने की इच्छा जताई है. सरकार बनाने के लिए, किसी पार्टी को 266 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 133 सीटों की जरूरत है. आठ फरवरी को हुए चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों ने 101 सीटें जीती जिसमें से अधिकतर पीटीआई द्वारा समर्थित उम्मीदवार थे.

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने 75 सीटें जीती और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने 54 सीटों पर जीत हासिल की. एमक्यूएम ने 17 सीटों पर जीत हासिल की. इसके अलावा 17 सीटों पर अन्य दलों ने जीत हासिल की. एक निर्वाचन क्षेत्र का परिणाम रोक दिया गया.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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