लंदन:
नौसेना अध्यक्ष एडमिरल निर्मल वर्मा ने सोमवार को कहा कि नौसेना जवाबी परमाणु हमले की क्षमता हासिल करने के लिए तैयार है और भारत के पास जल्द ही ‘विश्वसनीय और सुरक्षित’ परमाणु रोधी ‘त्रयी’ मौजूद होगा।
एडमिरल वर्मा ने कहा कि भारत की ‘पहले प्रयोग नहीं करने की नीति’ को देखते हुए इस तरह की एक परमाणु त्रयी (जवाबी कार्रवाई के लिए जमीन, हवा और समुद्र आधारित हथियार प्रणाली) जरूरी है।
भारत के नौवहन सुरक्षा विश्लेषण करते हुए एडमिरल वर्मा ने लंदन में रॉयल नेवी के एक कार्यक्रम में कहा कि भारत में इस बात की समझ बढ़ रही है कि देश की नियति घनिष्ठ रूप से हमारे नौवहन नियति से जुड़ी हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘विश्वसनीय और सुरक्षित जवाबी कार्रवाई क्षमता अत्यावश्यक है। नौसेना इस त्रयी को पूरा करने जा रही है और इसके बाद हमारे नौवहन और परमाणु सिद्धांत को एक साथ लायेंगे ताकि हमारा परमाणु बीमा समुद्र से आये।’’
उल्लेखनीय है कि भारत जमीनी, हवाई और समुद्र आधारित हथियार प्रणाली विकसित कर रहा है ताकि हमला होने की सूरत में जवाबी कार्रवाई की जा सके। ऐसा माना जाता है कि भारत के पास पहले से ही जमीन और हवाई रास्ते से जवाबी कार्रवाई करने की क्षमता है।
एडमिरल वर्मा ने कहा कि भारत की ‘पहले प्रयोग नहीं करने की नीति’ को देखते हुए इस तरह की एक परमाणु त्रयी (जवाबी कार्रवाई के लिए जमीन, हवा और समुद्र आधारित हथियार प्रणाली) जरूरी है।
भारत के नौवहन सुरक्षा विश्लेषण करते हुए एडमिरल वर्मा ने लंदन में रॉयल नेवी के एक कार्यक्रम में कहा कि भारत में इस बात की समझ बढ़ रही है कि देश की नियति घनिष्ठ रूप से हमारे नौवहन नियति से जुड़ी हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘विश्वसनीय और सुरक्षित जवाबी कार्रवाई क्षमता अत्यावश्यक है। नौसेना इस त्रयी को पूरा करने जा रही है और इसके बाद हमारे नौवहन और परमाणु सिद्धांत को एक साथ लायेंगे ताकि हमारा परमाणु बीमा समुद्र से आये।’’
उल्लेखनीय है कि भारत जमीनी, हवाई और समुद्र आधारित हथियार प्रणाली विकसित कर रहा है ताकि हमला होने की सूरत में जवाबी कार्रवाई की जा सके। ऐसा माना जाता है कि भारत के पास पहले से ही जमीन और हवाई रास्ते से जवाबी कार्रवाई करने की क्षमता है।
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