अमेरिका के न्यूयार्क के ट्विन टावर (वर्ल्ड ट्रेड सेंटर) पर 11 सितंबर 2001 को किया गया था आतंकी हमला.
नई दिल्ली:
वह 11 दिसंबर 2001 की सुबह थी . जब अमेरिका के न्यूयार्क शहर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (ट्विन टावर) में लोग आम दिनों की तरह अपना काम शुरू तकर रहे थे.अचानक सुबह 8 बजकर 46 मिनट पर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टावर से एक विमान टकराया. आसपास के इलाके में मौजूद लोग बदहवास होकर यह नजारा देखने लगे..कुछ ही समय बीता और 9 बजकर 3 मिनट पर एक और विमान आया जो कि दक्षिणी टावर से टकराया. इसके बाद भयानक विस्फोट हुआ और टावरों में आग लग गई.
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जब पहला विमान टकराया तो लोगों को लगा कि यह दुर्घटना है, लेकिन जब दूसरा विमान भी आ टकराया तो यह समझने में देर नहीं लगी की यह एक गहरा षड्यंत्र है. दोनों टावरों पर हमले के बाद खबर आई कि 9 बजकर 47 मिनट पर वाशिंगटन के रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन पर विमान से हमला हुआ. इस हमले में पेंटागन का एक हिस्सा ढह गया. इसके कुछ देर बाद पीटसबर्ग हवाई अड्डे के समीप एक और विमान गिरने की खबर मिली.
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले में हजारों अमेरिकी बे-वक्त मौत की नींद सो गए थे. अमेरिका की शान माना जाने वाला वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पलभर में राख का ढेर बन गया था. इन विमानों में सवार यात्रियों समेत करीब 3000 लोगों की मौत हुई थी. रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस हमले का निशाना व्हाइट हाउस था.
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ओसामा था जिम्मेदार
इस हमले के पीछे ओसामा बिन लादेन का हाथ माना जाता है, जिसे सालों तक खोजने के बाद अमेरिका ने मई 2011 में पाकिस्तान के ऐबटाबाद में मार गिराया था.
चार प्लेन किए थे हाईजैक
इस हमले को अंजाम देने के लिए करीब 19 आतंकवादियों ने चार प्लेन को हाईजैक किए गए थे. दो हवाई जहाजों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर और एक पेंटागन पर गिराया गया था, जबकि चौथा शेंकविले के खेत गिरा दिया गया. किसी भी उड़ान से कोई जीवित नहीं बचा था.
अमेरिकी इतिहास का काला दिन
तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने इस घटना को अमेरिकी इतिहास का सबसे काला दिन करार दिया था, जिस समय जॉर्ज बुश को हमले की सूचना मिली वह एक स्कूल के कार्यक्रम में मौजूद थे. उन्होंने कहा था कि इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा. इस हमले की दर्दनाक और भयानक तस्वीरें काफी दिनों तक अखबारों और टीवी आती रहीं.
VIDEO : ...और फिर ओसामा मारा गया
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर न्यूयार्क के मैनहैटन में बने दो टावर रूपी इमारतों का जोड़ा था. इसके एक टावर का निर्माण 1966 में शुरू हुआ था जो 1972 में पूर्ण हुआ. दूसरे टावर को बनाने का काम 1966 में शुरू होकर 1973 में समाप्त हुआ था.
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जब पहला विमान टकराया तो लोगों को लगा कि यह दुर्घटना है, लेकिन जब दूसरा विमान भी आ टकराया तो यह समझने में देर नहीं लगी की यह एक गहरा षड्यंत्र है. दोनों टावरों पर हमले के बाद खबर आई कि 9 बजकर 47 मिनट पर वाशिंगटन के रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन पर विमान से हमला हुआ. इस हमले में पेंटागन का एक हिस्सा ढह गया. इसके कुछ देर बाद पीटसबर्ग हवाई अड्डे के समीप एक और विमान गिरने की खबर मिली.
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले में हजारों अमेरिकी बे-वक्त मौत की नींद सो गए थे. अमेरिका की शान माना जाने वाला वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पलभर में राख का ढेर बन गया था. इन विमानों में सवार यात्रियों समेत करीब 3000 लोगों की मौत हुई थी. रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस हमले का निशाना व्हाइट हाउस था.
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ओसामा था जिम्मेदार
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चार प्लेन किए थे हाईजैक
इस हमले को अंजाम देने के लिए करीब 19 आतंकवादियों ने चार प्लेन को हाईजैक किए गए थे. दो हवाई जहाजों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर और एक पेंटागन पर गिराया गया था, जबकि चौथा शेंकविले के खेत गिरा दिया गया. किसी भी उड़ान से कोई जीवित नहीं बचा था.
अमेरिकी इतिहास का काला दिन
तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने इस घटना को अमेरिकी इतिहास का सबसे काला दिन करार दिया था, जिस समय जॉर्ज बुश को हमले की सूचना मिली वह एक स्कूल के कार्यक्रम में मौजूद थे. उन्होंने कहा था कि इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा. इस हमले की दर्दनाक और भयानक तस्वीरें काफी दिनों तक अखबारों और टीवी आती रहीं.
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वर्ल्ड ट्रेड सेंटर न्यूयार्क के मैनहैटन में बने दो टावर रूपी इमारतों का जोड़ा था. इसके एक टावर का निर्माण 1966 में शुरू हुआ था जो 1972 में पूर्ण हुआ. दूसरे टावर को बनाने का काम 1966 में शुरू होकर 1973 में समाप्त हुआ था.
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