बीजिंग:
चीन में शनिवार को आए 6.6 की तीव्रता वाले शक्तिशाली भूकंप ने उत्तरी पश्चिमी चीन के झिनजियांग प्रांत को हिला कर रख दिया। भूकंप से रिहाइशी इलाकों के घरों को काफी नुकसान पहुंचा और कम से कम 24 लोग घायल हो गए।
स्थानीय समयानुसार करीब पांच बजकर सात मिनट पर झिनजियांग उइगुर स्वायत्तशासी क्षेत्र की राजधानी उरूमछी में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। लोग घरों से बाहर निकल आए, बिजली की आपूर्ति भी इससे प्रभावित हुई।
सरकार की तरफ से जारी बयान में स्वायत्तशासी क्षेत्र के प्रशासक झिनयुआन ने बताया कि बड़ी संख्या में घरों को नुकसान पहुंचा है और मवेशियों के तबेले को नुकसान पहुंचने के कारण सैकड़ों मवेशी मारे गए। शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, भूकंप से भूस्खलन की घटनाएं भी हुई हैं, जिसमें झिनजियांग के कई सड़कों को नुकसान पहुंचा है।
अधिकारियों का कहना है कि भूकंप के कारण कम से कम 24 लोगों के घायल होने की खबर है। चाइना अर्थक्वेक नेटवर्क सेंटर (सीएनईसी) स्थानीय प्रशासन की मदद से भूकंप वाले क्षेत्र में पीड़ितों की मदद के लिए त्रिस्तरीय आकस्मिक कार्यक्रम चला रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप से समुद्र से 3,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है, भौगोलिक रूप से इतिहास में भी इस क्षेत्र का काफी महत्व रहा है। यह क्षेत्र वर्ष 1900 से अब तक लगभग दो बार रिक्टर पैमाने पर सात से ज्यादा तीव्रता के भूकंप को झेल चुका है।
स्थानीय समयानुसार करीब पांच बजकर सात मिनट पर झिनजियांग उइगुर स्वायत्तशासी क्षेत्र की राजधानी उरूमछी में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। लोग घरों से बाहर निकल आए, बिजली की आपूर्ति भी इससे प्रभावित हुई।
सरकार की तरफ से जारी बयान में स्वायत्तशासी क्षेत्र के प्रशासक झिनयुआन ने बताया कि बड़ी संख्या में घरों को नुकसान पहुंचा है और मवेशियों के तबेले को नुकसान पहुंचने के कारण सैकड़ों मवेशी मारे गए। शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, भूकंप से भूस्खलन की घटनाएं भी हुई हैं, जिसमें झिनजियांग के कई सड़कों को नुकसान पहुंचा है।
अधिकारियों का कहना है कि भूकंप के कारण कम से कम 24 लोगों के घायल होने की खबर है। चाइना अर्थक्वेक नेटवर्क सेंटर (सीएनईसी) स्थानीय प्रशासन की मदद से भूकंप वाले क्षेत्र में पीड़ितों की मदद के लिए त्रिस्तरीय आकस्मिक कार्यक्रम चला रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप से समुद्र से 3,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है, भौगोलिक रूप से इतिहास में भी इस क्षेत्र का काफी महत्व रहा है। यह क्षेत्र वर्ष 1900 से अब तक लगभग दो बार रिक्टर पैमाने पर सात से ज्यादा तीव्रता के भूकंप को झेल चुका है।
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