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This Article is From Oct 11, 2022

समुद्री तट पर फंसी 500 Whale मछलियां, Shark Attack के डर से बचाव हुआ नामुमकिन, और फिर...

वैज्ञानिक (Scientists) अभी तक पूरी तरह नहीं समझ पाए हैं कि एक साथ बड़े झुंड में बहकर व्हेल (Whale) मछलियां तट पर क्यों आ जाती हैं, लेकिन कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि मछलियों के झुंड, तट के बेहद करीब भोजन के बाद रास्ता भटक जाते हैं और बहकर बीच पर आ जाते हैं.   

समुद्री तट पर फंसी 500 Whale मछलियां, Shark Attack के डर से बचाव हुआ नामुमकिन, और फिर...
शार्क मछलियों के हमले के खतरे के कारण बचाव अभियान भी नहीं चलाया जा सका.

न्यूज़ीलैंड (New Zealand) के एक दूरदारज के द्वीप पर करीब 500 पायलट व्हेल (Pilot Whale), तट पर बहकर आने के कारण मारी गईं हैं. न्यूज़ीलैंड की सरकार ने मंगलवार को यह जानकारी दी. साथ ही बताया कि इस इलाके में शार्क (Shark) मछलियों के हमले के खतरे की वजह से बचाव अभियान भी नहीं चलाया जा सकता. संरक्षण विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि दो द्वीपों पर पायलेट व्हेल के दो बड़े झुंड बहकर आ गए थे. इनमें से जो मछलियां बचीं थीं उन्हें तड़पने से बचाने के लिए मारना पड़ा. सरकार ने बताया कि शुक्रवार को चैथम आइलैंड पर 250 पायलट व्हेल बीच पर मिली और फिर तीन बाद पिट आइलैंड पर 240 व्हेल और एक द्वीप पर मिलीं. अधिकारियों ने बताया कि दोनों लोकेशन न्यूज़ीलैंड के मुख्य द्वीप से दूर हैं और इसके कारण बचाव अभियान असंभव हो गया था.  

सरकार के टेकनिकल मरीन एडवाइज़र, डेव लुंडक्विस्ट  ने एएफपी को बताया, "इंसानों और व्हेल, दोनों पर शार्क के हमले का खतरा देखते हुए, ज़िंदा बची व्हेल मछलियों को हमारी प्रशिक्षित टीम ने मृत्युदान दिया ताकि उन्हें और पीड़ा ना झेलनी पड़े."

उन्होंने आगे कहा, यह फैसला हल्के में नहीं लिया जाता, लेकिन इस मामले में यही सबसे उदार विकल्प था." 

इसके बाद व्हेल मछलियों के शरीर को प्राकृतिक तौर से विघटित होने के लिए वहीं छोड़ दिया गया है.  

चैथम द्वीप पर मछलियों का बड़ी संख्या में बहकर आ जाना असामान्य नहीं है. 1918 में एक हजार व्हेल मछलियां बीच पर बहकर आ गईं थीं.  

वैज्ञानिक अभी तक पूरी तरह नहीं समझ पाए हैं कि एक साथ झुंड में बहकर मछलियां तट पर क्यों आ जाती हैं, लेकिन कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि मछलियों के झुंड तट के बेहद करीब भोजन के बाद रास्ता भटक जाते हैं और बहकर बीच पर आ जाते हैं.   

पायलेट व्हेल 6 मीटर ( 20 फीट) से भी बड़ी होती है. वह काफी सामाजिक होती हैं, इस कारण वह खतरे में पड़े अपने सहयोगियों के भी पीछे आ जाती हैं.  आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार न्यूज़ीलैंड में हर साल 300 जीवों की तट पर बहकर आने के कारण मौत होती है. 20 से 50 पायलट व्हेल का बीच पर बह कर आना सामान्य है. लेकिन सुपर पॉड के मामले में यह संख्या सैकड़ों में हो सकती है.  

पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया के दूर-दराज के तस्मानिया बीच पर 200 पायलेट व्हेल तट पर बहकर आने के कारण मारी गईं थीं.  इनमें से केवल 44 को बचाया जा सका.  

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