भारत सरकार ने अच्छी नौकरी देने के बहाने रूस बुलाए गए 20 भारतीय नागरिकों के फंसे होने की बात मानी है. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया, "हमें जानकारी मिली है कि रूस के अलग-अलग हिस्सों में 20 भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं. इन सभी को अच्छी नौकरी के बहाने रूस बुलाया गया था. वे रूस के अलग अलग हिस्सों में हैं और दूतावास के संपर्क में हैं"
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि ऐसी जानकारी है कि रूस में 20 भारतीय सपोर्ट स्टाफ के तौर पर गए. लेकिन इन्हें जंग में भेजा गया है. इन्होंने हमसे संपर्क किया है. उनकी वापसी के लिए हम लगातार रूसी अथॉरिटी से बात कर रहे हैं." इससे पहले भारत ने अपने नागरिकों से कहा कि रूस के साथ जारी युद्ध के कारण हिंसाग्रस्त इलाकों में जाने से बचें.
विदेश मंत्रालय ने कहा था- "कुछ दिनों से खबरें आ रही थीं कि रूसी सेना में भर्ती करवाए गए कई भारतीय वापस आने की मांग कर रहे हैं. हमने यह मामला रूसी सरकार के सामने उठाया. इसके बाद कई भारतीयों को रशियन आर्मी से डिस्चार्ज कर दिया गया है. भारतीयों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है."
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18 भारतीय नागरिक रूस-यूक्रेन सीमा पर फंसे
रिपोर्ट के मुताबिक, एक एजेंट ने खुलासा करते हुए बताया कि नवंबर 2023 से लगभग 18 भारतीय नागरिक रूस-यूक्रेन सीमा पर फंसे हुए हैं. ये लोग मारियुपोल, खार्किव, डोनात्सक, रोस्तोव-ऑन-डॉन में फंसे हैं. इन लोगों के परिजन ने बताया कि कुछ एजेंट्स ने दिसंबर 2023 में नौकरी के नाम पर धोखे से भारतीयों को रूस भेज दिया था. अब ये भारतीय मदद की गुहार लगा रहे हैं.
असदुद्दीन ओवैसी ने उठाया था मामला
इस हफ्ते की शुरुआत में, AIMIM प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi)ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से उन 4 भारतीयों को बचाने का आग्रह किया था, जिन्हें कथित तौर पर रूसी सेना में शामिल होने और यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में लड़ने के लिए मजबूर किया गया था.
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तेलंगाना के युवक ने भाई को मैसेज कर बताया था हाल
रूस में सुफियान नाम के शख्स भी फंसे हुए हैं. तेलंगाना के नारायणपेट जिले के रहने वाले 22 साल के मोहम्मद सूफियान और कर्नाटक के कालाबुरागी के रहने वाले तीन अन्य भारतीयों ने अपने घरवालों को मैसेज भेजा था. जिससे इस मामले का खुलासा हुआ.
उनके भाई इमरान ने 'बाबा व्लॉग्स' नाम से यूट्यूब चैनल चलाने वाले फैसल खान से जुड़े एजेंटों की भ्रामक रणनीति का खुलासा किया है. इन लोगों को मॉस्को में सिक्योरिटी एजेंट की नौकरी का वादा किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया.
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वैगनर आर्मी में शामिल करने का है शक
रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा माना जा रहा है कि 60 अन्य भारतीयों को भी झांसा देकर वैगनर आर्मी में शामिल किया गया है. महाराष्ट्र के एक आदमी ने इन लोगों से एक कॉन्ट्रैक्ट पेपर पर साइन करवाए थे. कॉन्ट्रैक्ट रूसी भाषा में लिखा था. साइन लेते समय इन लोगों से कहा गया कि वे रूस में हेल्पर की नौकरी से जुड़े पेपर पर साइन कर रहे हैं.
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