टीम इंडिया से मिले 147 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए बांग्लादेश ने हार्दिक पंड्या की अंतिम तीन गेंद पर तीन विकेट गंवाए, जिससे टीम नौ विकेट पर 145 रन ही बना सकी।
मुर्तजा ने मैच के बाद कहा, 'गेंदबाजों ने काफी अच्छा काम किया। हम अंतिम तीन गेंद तक मैच जीत रहे थे। हमें एक-एक रन बनाने चाहिए थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। दुर्भाग्य था और इसका कुछ नहीं किया जा सकता।'
उन्होंने कहा, 'हमने अंतिम तीन गेंद पर तीन विकेट गंवा दिए जबकि हमें सिर्फ दो रन चाहिए थे। कुल मिलाकर हमने अच्छा प्रदर्शन किया। पाकिस्तान के खिलाफ मैच को छोड़कर हम काफी अच्छा खेले और आज का दिन निराशाजनक रहा।'
धोनी ने की गेंदबाजों की जमकर तारीफ
दूसरी तरफ भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इस जीत से काफी खुश दिखे और उन्होंने अपने गेंदबाजों की तारीफ की, जिन्होंने तनाव के समय अपना धैर्य बरकरार रखा। जसप्रीत बुमराह ने 19वें ओवर में सिर्फ छह रन दिए, जबकि पंड्या ने अंतिम तीन गेंद पर भारत को जीत दिलाई।
धोनी ने कहा, 'बुमराह ने काफी अच्छी गेंदबाजी की, सिवाय दूसरे ओवर को छोड़कर (जिसमें चार चौके लगे)। पहली गेंद पर मिसफील्ड और फिर कैच छोड़ने के कारण वह दबाव में आ गया था, जिसके कारण ऐसा हुआ।' पंड्या ने अंतिम ओवर करने में काफी समय लिया और इस दौरान धोनी उन्हें लगातार सलाह देते रहे।
धोनी ने कहा, 'मैं यहां सब कुछ नहीं बताना चाहता। मुझे पता था कि 20वां ओवर शुरू होने के बाद आप चाहे जितना मर्जी समय लो आप पर जुर्माना नहीं लग सकता। पंड्या और मेरी लाइन और लेंथ तथा फील्डिंग को लेकर बात हुई।'
महमूदुल्लाह (18) काफी अच्छा खेल रहे थे, लेकिन वह अंतिम ओवर में पांचवीं गेंद को हवा में खेलकर रविंद्र जडेजा को कैच दे बैठे, जबकि यह फुलटॉस गेंद थी।
धोनी ने इस संदर्भ में कहा, 'वह बड़ा शॉट खेलकर मैच खत्म करना चाहता था। वह अपनी टीम के लिए काम खत्म करना चाहता था और अगर यह छक्का चला जाता तो शानदार शॉट होता। यह उसके लिए सीखने के लिहाज से महत्वपूर्ण है।'
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