नई दिल्ली:
काफी लंबे अरसे से क्रिकेट में फिक्सिंग का मुद्दा सुर्खियों में रहा है, और इसकी वजह से एक ओर जहां कई खिलाड़ियों पर जुर्माना और प्रतिबंध लगे, वहीं कुछ खिलाड़ियों का तो करियर ही खत्म हो गया। लेकिन आज हम बात करेंगे एक ऐसे खिलाड़ी की, जो दो साल के प्रतिबंध के बावजूद न सिर्फ वापसी में कामयाब रहा, बल्कि शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम के टी-20 वर्ल्ड कप जीतने में अहम भूमिका भी निभाई। गौरतलब है कि यही खिलाड़ी है, जिसने अपनी टीम की पहली वर्ल्ड कप जीत में भी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।
कौन है यह खिलाड़ी...?
मैं जिस खिलाड़ी की बात कर रहा हूं, वह कोई और नहीं, मार्लोन सैमुअल हैं, जो मौजूदा समय में वेस्ट इंडीज़ के बेहतरीन मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज हैं। टी-20 वर्ल्ड कप 2016 में सैमुअल ने इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए फाइनल में शानदार बल्लेबाजी की और 'मैन ऑफ द मैच' बने, और यही नहीं, उससे पहले के मैचों में भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया।
क्यों लगा था प्रतिबंध...?
वर्ष 2008 में बुकी को मैच संबंधित जानकारी देने का आरोप साबित होने पर आईसीसी ने मार्लोन सैमुअल पर दो साल का प्रतिबंध लगाया था, हालांकि सैमुअल अंत तक खुद के बेगुनाह होने की बात कहते रहे थे।
वापसी के बाद टेस्ट में कमाल...
दो साल के प्रतिबंध के बाद सैमुअल ने शानदार वापसी की, और वर्ष 2011 में पाकिस्तान के खिलाफ खेले अपने पहले टेस्ट मैच में अर्द्धशतक ठोका। अपने दूसरे टेस्ट मैच में भारत के खिलाफ भी उन्होंने शानदार 78 रन की पारी खेली। प्रतिबंध से पहले के दौर में, यानी वर्ष 2000 से 2008 तक सैमुअल ने सिर्फ दो टेस्ट शतक लगाए थे, जबकि प्रतिबंध से वापसी के बाद, यानी 2011 से अब तक वह 2016 के पांच शतक ठोक चुके हैं, जिनमें एक दोहरा शतक भी शामिल है, जो उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ लगाया था।
वन-डे और टी-20 में भी धमाल...
सिर्फ टेस्ट नहीं, वन-डे इंटरनेशनल मैचों में भी मार्लोन सैमुअल ने वापसी के बाद कमाल कर दिखाया है। प्रतिबंध से पहले अपने आठ साल के वन-डे करियर में सैमुअल सिर्फ दो शतक मार पाए थे, लेकिन प्रतिबंध से वापसी के बाद सैमुअल सात वन-डे शतक ठोक चुके हैं। टी-20 मैचों में भी सैमुअल ने कमाल कर दिखाया है। प्रतिबंध से पहले उन्होंने सिर्फ छह टी-20 मैच खेले थे, लेकिन प्रतिबंध से वापसी के बाद वह अब तक 46 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं और करीब 30 की औसत से 1,133 रन बना चुके हैं।
टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में बनाया वर्ल्डरिकॉर्ड...
वर्ष 2016 के टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में शानदार तरीके से खेलते हुए मार्लोन सैमुअल ने 85 रन बनाए, जो एक वर्ल्डरिकॉर्ड है। आज तक किसी भी खिलाड़ी ने टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में इतने रन नहीं बनाए थे। इससे पहले जो रिकॉर्ड था, वह भी सैमुअल के नाम थास क्योंकि वर्ष 2012 के संस्करण में जब वेस्ट इंडीज़ ने श्रीलंका को हराकर वर्ल्ड कप जीता था, तब भी सैमुअल ने शानदार 78 रन बनाए थे, जो टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में तब का सबसे बड़ा निजी स्कोर था।
एक और वर्ल्डरिकॉर्ड बनाया सैमुअल ने...
आज तक किसी भी खिलाड़ी ने टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में दो बार 'मैन ऑफ द मैच' पुरस्कार नहीं जीता था, लेकिन मार्लोन सैमुअल ने यह रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है। इंग्लैंड के खिलाफ रविवार को खेले गए फाइनल मैच में सैमुअल के शानदार 85 रन की वजह से उन्हें 'मैन ऑफ द मैच' का अवॉर्ड मिला, जबकि 2012 के टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ भी 78 रनों की पारी के लिए उन्हें ही 'मैन ऑफ द मैच' का खिताब दिया गया था।
कौन है यह खिलाड़ी...?
मैं जिस खिलाड़ी की बात कर रहा हूं, वह कोई और नहीं, मार्लोन सैमुअल हैं, जो मौजूदा समय में वेस्ट इंडीज़ के बेहतरीन मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज हैं। टी-20 वर्ल्ड कप 2016 में सैमुअल ने इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए फाइनल में शानदार बल्लेबाजी की और 'मैन ऑफ द मैच' बने, और यही नहीं, उससे पहले के मैचों में भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया।
क्यों लगा था प्रतिबंध...?
वर्ष 2008 में बुकी को मैच संबंधित जानकारी देने का आरोप साबित होने पर आईसीसी ने मार्लोन सैमुअल पर दो साल का प्रतिबंध लगाया था, हालांकि सैमुअल अंत तक खुद के बेगुनाह होने की बात कहते रहे थे।
वापसी के बाद टेस्ट में कमाल...
दो साल के प्रतिबंध के बाद सैमुअल ने शानदार वापसी की, और वर्ष 2011 में पाकिस्तान के खिलाफ खेले अपने पहले टेस्ट मैच में अर्द्धशतक ठोका। अपने दूसरे टेस्ट मैच में भारत के खिलाफ भी उन्होंने शानदार 78 रन की पारी खेली। प्रतिबंध से पहले के दौर में, यानी वर्ष 2000 से 2008 तक सैमुअल ने सिर्फ दो टेस्ट शतक लगाए थे, जबकि प्रतिबंध से वापसी के बाद, यानी 2011 से अब तक वह 2016 के पांच शतक ठोक चुके हैं, जिनमें एक दोहरा शतक भी शामिल है, जो उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ लगाया था।
वन-डे और टी-20 में भी धमाल...
सिर्फ टेस्ट नहीं, वन-डे इंटरनेशनल मैचों में भी मार्लोन सैमुअल ने वापसी के बाद कमाल कर दिखाया है। प्रतिबंध से पहले अपने आठ साल के वन-डे करियर में सैमुअल सिर्फ दो शतक मार पाए थे, लेकिन प्रतिबंध से वापसी के बाद सैमुअल सात वन-डे शतक ठोक चुके हैं। टी-20 मैचों में भी सैमुअल ने कमाल कर दिखाया है। प्रतिबंध से पहले उन्होंने सिर्फ छह टी-20 मैच खेले थे, लेकिन प्रतिबंध से वापसी के बाद वह अब तक 46 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं और करीब 30 की औसत से 1,133 रन बना चुके हैं।
टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में बनाया वर्ल्डरिकॉर्ड...
वर्ष 2016 के टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में शानदार तरीके से खेलते हुए मार्लोन सैमुअल ने 85 रन बनाए, जो एक वर्ल्डरिकॉर्ड है। आज तक किसी भी खिलाड़ी ने टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में इतने रन नहीं बनाए थे। इससे पहले जो रिकॉर्ड था, वह भी सैमुअल के नाम थास क्योंकि वर्ष 2012 के संस्करण में जब वेस्ट इंडीज़ ने श्रीलंका को हराकर वर्ल्ड कप जीता था, तब भी सैमुअल ने शानदार 78 रन बनाए थे, जो टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में तब का सबसे बड़ा निजी स्कोर था।
एक और वर्ल्डरिकॉर्ड बनाया सैमुअल ने...
आज तक किसी भी खिलाड़ी ने टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में दो बार 'मैन ऑफ द मैच' पुरस्कार नहीं जीता था, लेकिन मार्लोन सैमुअल ने यह रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है। इंग्लैंड के खिलाफ रविवार को खेले गए फाइनल मैच में सैमुअल के शानदार 85 रन की वजह से उन्हें 'मैन ऑफ द मैच' का अवॉर्ड मिला, जबकि 2012 के टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ भी 78 रनों की पारी के लिए उन्हें ही 'मैन ऑफ द मैच' का खिताब दिया गया था।
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