सऊदी अरब में भविष्य के एक मेगासिटी का खाका तैयार किया जा रहा है. यह परियोजना सऊदी अरब के राजकुमार की कल्पना है. यह मेगासिटी रेगिस्तान और पहाड़ी इलाकों में फैला होगा जहां दो गगनचुंबी इमारतें होंगे. 170 किलोमीटर (100 मील से अधिक) तक फैले दर्पण से घिरे गगनचुंबी इमारतों की समानांतर संरचनाएं होंगी. इसे सामूहिक रूप से ‘द लाइन' के रूप में जाना जाएगा. यह Red Sea Megacity NEOM का दिल कहलाएगा. दरअसल यह क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का एक महात्वाकांक्षी परियोजना है जो देश की अर्थव्यवस्था को सिर्फ तेल पर ही निर्भर रहने नहीं देना चाहते हैं.
पहली बार इस परियोजना का ऐलान 2017 में हुआ था. NEOM परियोजना इसलिए चर्चा में है क्योंकि यहां उड़ने वाली टैक्सियों और रोबोट नौकरानियों का प्रस्ताव रखा गया है. देश के कई अर्थशास्त्रियों ने इसके सफल होने पर संदेह व्यक्त किया है.
सोमवार की रात एक प्रस्तुति में प्रिंस मोहम्मद ने एक ऐसे शहर की कल्पना और सोच को साझा किया जहां एक भी कार या गाड़ी न हो. उन्होंने इस परियोजना को इस बात से रेखांकित किया कि यह मेगासिटी ग्रह पर रहने वाले जगहों में "अब तक" का सबसे अच्छा शहर बन जाएगा.
जानकारों के मुताबिक NEOM की योजनाओं ने पिछले कुछ वर्षों में कई बदलाव लाए हैं. अब लोग ये सवाल उठाने लगे हैं कि पता नहीं The Line कभी हकीकत बनेगी भी या नहीं. NEOM को इस इलाके के "सिलिकॉन वैली" के रूप में जाना जाता है. 26,500 वर्ग किलोमीटर (10,000 वर्ग मील) में फैला हुआ एक बायोटेक और डिजिटल हब था. अब यह सिर्फ 34 वर्ग किलोमीटर के दायरे में शहरी जीवन की फिर से कल्पना करने और प्रिंस मोहम्मद को "रहने की क्षमता और पर्यावरण संकट" के प्रति सजग रहने वाले एक विश्व नेता के रूप में प्रोजेक्ट करने की एक कवायद लगती है.
वाशिंगटन में अरब गल्फ स्टेट्स इंस्टीट्यूट के रॉबर्ट मोगिएलनिकी ने कहा, "यह आइडिया अपने प्रारंभिक अवधारणा से इतने बार बदला जा चुका है कि कभी-कभी इसकी दिशा निर्धारित करना मुश्किल हो जाता है."
जनसंख्या में बढ़ोतरी
अधिकारियों ने पहले कहा था कि NEOM की आबादी 10 लाख से ऊपर होगी, लेकिन प्रिंस मोहम्मद ने कहा कि 2030 तक यह संख्या वास्तव में 1.2 मिलियन तक पहुंच जाएगी और 2045 तक नौ मिलियन तक पहुंच जाएगी.
दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल के उत्पादक सऊदी अरब को प्रिंस मोहम्मद एक आर्थिक महाशक्ति बनाना चाहते हैं. 2030 के लिए उनका लक्ष्य 50 मिलियन लोगों की है जिसमें आधे सउदी और आधे विदेशी होंगे.
उन्होंने कहा कि 2040 तक 10 करोड़ लोगों का लक्ष्य है.
"यही NEOM के निर्माण का मुख्य उद्देश्य है ताकि सऊदी अरब की क्षमता को बढ़ाई जा सके ...सऊदी अरब में अधिक नागरिक और अधिक लोगों को बसाने की योजना को अमली जामा पहनाया जा सके. और हम इसे सामान्य शहरों की नकल क्यों बनाएं?"
सोमवार को जारी एक प्रचार वीडियो में कहा गया है कि साइट 100 प्रतिशत Renewable Energy द्वारा संचालित होगी और यहां सालों भर "प्राकृतिक वेंटिलेशन” की सुविधा प्राप्त होगी.
किंगडम ने पहले के अपने पर्यावरणीय प्रतिज्ञाओं में कहा था कि 2060 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त कर लिया जाएगा. हालांकि इसपर पर्यावरणविदों ने संदेह व्यक्त किए हैं.
खुफिया कंपनी वेरिस्क मैपलक्रॉफ्ट के टोरबॉर्न सॉल्टवेट ने कहा कि NEOM सौर और पवन ऊर्जा का उपयोग करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है. शहर के लिए दुनिया के सबसे बड़े हरित हाइड्रोजन संयंत्र लगाने की योजना भी चल रही है.”
NEOM में एक एयरपोर्ट पहले से ही चालू है. अधिकारियों ने मई में घोषणा की कि उसे दुबई से नियमित उड़ानें मिलनी शुरू हो जाएंगी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि मेगासिटी का बड़ा निर्माण शुरू हो गया है या नहीं. NEOM ने मंगलवार को कहा कि यह दशक के अंत तक 380,000 नौकरियां पैदा करेगा जो दफ्तर के काम और जीवन के बीच एख संतुलन बनाए रखेगा. प्रिंस मोहम्मद ने कहा कि परियोजना का "पहला चरण", 2030 तक चलेगा, जिसकी लागत 1.2 ट्रिलियन सऊदी रियाल (लगभग 319 बिलियन डॉलर) होगी.
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