
- उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से आई आपदा में चार लोगों की मौत और पचास से अधिक लोग लापता
- हर्सिल में सेना के 10-11 जवान लापता बताए गए हैं, जबकि सुखी टॉप में कोई हताहत नहीं हुआ
- ऋषिकेश-उत्तरकाशी राजमार्ग बंद होने से राहत टीमों को पहुंचने में दिक्कत हो रही है
उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से जो खतरनाक प्रलय आई, उसने ऐसी तबाही मचाई कि चारों तरफ खौफनाक मंजर दिख रहा है. कुदरत के कहर के बीच सेना, आईटीबीपी और बाकी रेस्क्यू टीम उम्मीद लिए जी-जान से जुटे हैं ताकि वहां फंसे लोगों को जल्द से जल्द निकाला जा सकें. फिलहाल धराली में चल रहे रेस्क्यू पर क्या अपडेट है, इस बारे में खुद एनडीआरएफ डीआईजी मोहसिन शहीदी ने बताया कि जानकारी के अनुसार, चार लोगों की जान चली गई है और 50 से ज़्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं.

सेना के 11 जवान लापता, एयरलिफ्ट करने की तैयारी
एनडीआरएफ डीआईजी ने साथ ही बताया कि हर्सिल और सुखी टॉप में दो जगहों पर अचानक बाढ़ आने की भी खबर है. हर्सिल में सेना के लगभग 11 जवान लापता बताए जा रहे हैं. हालांकि एक राहत की बात ये है कि सुखी टॉप में कोई हताहत नहीं हुआ है... ऋषिकेश-उत्तरकाशी राजमार्ग प्रभावित है, इसलिए आवाजाही बहुत धीमी है. कई जगहों पर सड़क जाम होने के कारण टीमों को मौके पर पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हमारी टीमें प्रभावित लोगों को एयरलिफ्ट करने के लिए देहरादून में तैयार हैं..."
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अबतक 150 लोगों को बचाया गया, रास्ते में कई टीमें
डीआईजी ने बताया कि अब तक 150 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है. फिलहाल आर्मी, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और बाकी टीमें जुटी हुई है, वहां एक झील बन गई थी, जिसमें पानी भर गया था. लेकिन राहत की बात ये है कि उसमें से पानी निकल रहा है. हमारी बाकी टीमें जैसे ही वहां पहुंचेगी, वहां तालमेल के साथ हरसंभव मदद की जाएगी. तीन टीमें रास्ते में धराली के नजदीक है. जबकि 60 लोग एयरपोर्ट पर है. कुछ टीमों को स्टैंडबाय पर भी रखा गया है, जरूरत पड़ने पर इनका इस्तेमाल किया जाएगा.
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सीएम धामी ने हवा से देखा तबाही का मंजर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का हवाई सर्वेंक्षण कर स्थिति का जायजा लिया. इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री धामी से बातचीत कर स्थिति की जानकारी ली. मंगलवार दोपहर बाद बादल फटने से खीरगंगा नदी में आयी भीषण बाढ़ में करीब आधा गांव तबाह हो गया था. धराली गंगोत्री धाम से करीब 20 किलोमीटर पहले पड़ता है और यात्रा का प्रमुख पड़ाव है. मुख्यमंत्री ने बताया, ‘‘बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है। सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल और राज्य आपदा मोचन बल के दल मौके पर पहुंच गए हैं। करीब 70-80 लोगों को बचा लिया गया है...एक सड़क अवरुद्ध है। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी मौके पर रवाना हो चुके हैं। यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है क्योंकि अब भी वहां बारिश हो रही है.''
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