- उत्तराखंड सरकार ने होमस्टे नीति में बदलाव कर इसे केवल स्थाई निवासियों के लिए सीमित करने का निर्णय लिया है
- नई नीति के तहत बाहरी व्यक्ति जो स्थाई निवासी नहीं हैं, उन्हें होमस्टे योजना का लाभ नहीं मिलेगा
- लीज पर ली गई जमीन या केयरटेकर के नाम पर होमस्टे रजिस्टर नहीं होंगे और सब्सिडी भी नहीं मिलेगी
उत्तराखंड में लोगों को गांव में ही रोजगार मिले और उन्हें पलायन कर दिल्ली, मुंबई ,चंडीगढ़ या फिर अन्य महानगरों में नौकरी के लिए न जाना पड़े इसके लिए उत्तराखंड में होमस्टे नीति बनाई गई थी और इसमें हजारों लोगों ने अपने गांव में घरों को होमस्टे में बनाकर इसका फायदा लिया. उन्हें घर में ही रोजगार उपलब्ध हो सका लेकिन अब राज्य सरकार होमस्टे पॉलिसी में बदलाव लाने जा रही है. उत्तराखंड राज्य सरकार फायदा उत्तराखंड के स्थाई निवासियों को देने की नीति बनाने जा रही है. राज्य के बाहरी व्यक्ति को होमस्टे नीति का फायदा नहीं मिलेगा नीति में कई तरह के बदलाव लाए गए हैं.
उत्तराखंड राज्य सरकार पर्यटन विभाग के अंतर्गत होमस्टे नीति में ठोस बदलाव करने जा रही है होमस्टे की नई नीति में अब इस योजना का फायदा सिर्फ उत्तराखंड के स्थायी निवासियों को ही मिलेगा. बाहरी व्यक्ति को जो उत्तराखंड का स्थाई निवासी नहीं है उसको इस होमस्टे की नीति का लाभ नहीं मिल पाएगा. नई होमस्टे के नीति में लीज पर ली गई जमीन या फिर केयरटेकर के नाम पर कोई भी होमस्टे उत्तराखंड में उत्तराखंड की होमस्टे नीति में ना ही रजिस्टर होगा और ना ही इस नीति में मिलने वाली कोई सब्सिडी मिल पाएगी. उत्तराखंड राज्य में सिर्फ वही होमस्टे होमस्टे नीति में रजिस्टर्ड हो पाएंगे जिनके मालिक खुद उत्तराखंड में निवास करता हो.
उत्तराखंड पर्यटन विभाग के सचिव धीरज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि नई नीति पर काम किया जा चुका है. पुरानी नीति में कई बदलाव लाए गए हैं और बदलाव लाने का मकसद सिर्फ यही है कि उत्तराखंड के स्थाई निवासियों को होमस्टे नीति का लाभ मिल सके और उत्तराखंड के लोगों को रोजगार मिल सके. पर्यटन सचिव ने बताया कि उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य है जहां होमस्टे पॉलिसी में सबसे ज्यादा सब्सिडी दी जाती है. पर्यटन सचिव ने बताया कि उत्तराखंड में 5774 होमस्टे रजिस्टर्ड है जिसमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना में 1000 से ज्यादा लोगों फायदा मिला है.
उत्तराखंड होमस्टे योजना में पर्वतीय क्षेत्रों में पंद्रह लाख और मैदानी क्षेत्रों में साढ़े सात लाख तक की सब्सिडी दी जाती है. सब्सिडी ज्यादा मिलने के चलते इसका दुरुपयोग भी तेजी से हो रहा है. हम से योजना का दुरुपयोग ना हो यही वजह है कि इस नीति में बदलाव लाए जा रहे हैं. पर्यटन सचिव ने बताया कि राज्य में होमस्टे योजना का फायदा उत्तराखंड के स्थाई निवासी को ही मिलेगा.
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