उत्तराखंड में अब कमर्शियल उपयोग के लिए झरनों और अंडरग्राउंड वाटर के लिए टैक्स देना होगा. इसके लिए जल्द एक SOP बनाई जाएगी. CM पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में करीब 30 प्रस्तावों पर मंजूरी दी गई, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव वॉटर टैक्स का था. इसके अलावा राज्य में 582 मलिन बस्तियों को भी राहत दी है. राज्य सरकार ने मलिन बस्तियों के लिए अध्यादेश लाया है, जिसे 3 साल तक बढ़ाया गया है. इससे पहले दो बार राज्य सरकार ने मलिन बस्तियों के लिए अध्यादेश लाया था.
लंबे समय से उत्तराखंड में अंडरग्राउंड वॉटर को लेकर नीति नहीं बन पा रही थी और यह कहा जा रहा था कि बड़े पैमाने पर कमर्शियल उपयोग के लिए अंडरग्राउंड वाटर का दोहन किया जा रहा है. भूमिगत जल का लेवल काफी कम होता जा रहा है. इसको लेकर कई सर्वे भी हुए हैं. कई रिपोर्ट्स भी सामने आई है. ऐसे में भूमिगत जल को संरक्षित करने और उसके दोहन पर एक फैसला लिया गया .
उत्तराखंड में हुआ ये फैसला
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पहाड़ की आरती की को मजबूत करने के लिए एक बड़ी योजना बनाई गई है, जिसमें आईटीबीपी के साथ एक एमओयू साइन किया जाने वाला है. इसमें स्थानीय स्तर पर आईटीबीपी को मटन ,फिश,कुकुर पालक की सप्लाई की जाएगी राज्य सरकार ने चमोली, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी तीन जिलों मैं सबसे पहले यह योजना शुरू की जा रही है. इसमें 10000 भेड़ पालक आईटीबीपी को मटन देंगे. इसके अलावा 500 फिशरमैन प्राउड फिश उपलब्ध करवाएंगे, जिससे 200 करोड़ की आमदनी स्थानीय स्तर पर लोगों को होगी. इसके अलावा शासन ने 5 करोड़ का रिवाल्विंग फंड भी रखा है.
इसके अलावा मानव वन्य जीव संघर्ष निधि नियमावली को भी मंजूरी दी गई है. सिविल न्यायालय विकास नगर की 358 वर्ग भूमि एक रुपए पर लीज पर दी गई है. उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विभाग की नियमावली में सीएसडीएस टेक्नीशियन को ओट में डिग्री या डिप्लोमा होने पर चयन हो सकेगा. कैबिनेट में हरिद्वार के सिडकुल में हेलीपोर्ट बनाने के लिए जमीन पर निर्णय के लिए कम को अधिकृत किया गया है. इसमें 8092 वर्ग मीटर जमीन का प्रस्ताव है. मुख्यमंत्री निशुल्क गैस रिफिल योजना की अवधि 3 साल तक के लिए बढ़ाई गई है.
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