उत्तराखंड के जोशीमठ में आए आपदा का जायजा लेने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य सोमवार को जोशीमठ जाएंगे. हालांकि, उन्होंने वहां जाने से पहले शहर के हालात को लेकर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि कई बार वहां के स्थानीय लोगों ने सरकार को जगाने की कोशिश की, लेकिन सरकार नहीं जगी. इसी का परिणाम आज हम सबके सामने है.
यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि जोशीमठ में बड़ा नुकसान हुआ है. सरकार जो आंकड़े जारी कर रही है, नुकसान उससे भी कहीं ज्यादा हुआ है. हकीकत तो यह है कि विकास के नाम पर जोशीमठ विनाश की कगार पर पहुंच गया है. सैकड़ों परिवार वहां बेघर होने जा रहे हैं. अच्छा तो यह होता कि सरकार पहले से ही भूगर्भ शास्त्री और वैज्ञानिकों की टीम लेकर जोशीमठ के हालातों का जायजा ले लेती.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जोशीमठ में जितने भी परिवार बेघर हो रहे हैं, सरकार को उनके पुनर्वास की व्यवस्था तुरंत करनी चाहिए. उसके बाद जो भी प्रोजेक्ट वहां चल रहे हैं जिनकी वजह से खतरा बताया जा रहा है, उनके संबंध में कोई ठोस निर्णय लिया जाना चाहिए.
गौरतलब है कि बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब और अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग स्थल औली जैसे प्रसिद्ध स्थलों का प्रवेश द्वार जोशीमठ आपदा के कगार पर खड़ा है. आदि गुरु शंकराचार्य की तपोभूमि के रूप में जाना जाने वाला जोशीमठ धीरे-धीरे दरक रहा है और इसके घरों, सड़कों तथा खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें आ रही हैं. स्थानीय लोगों ने कहा कि कई घर धंस गए हैं.
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