कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा के तमाम नेताओं की चुप्पी से उनकी असंवेदनशीलता साफ जाहिर हो गयी है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) पर भी प्रश्नचिन्ह लगाया और कहा कि अंकिता की हत्या के मुख्य आरोपी तथा रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य के पिता से हाथ मिलाने वाली पुलिस की जांच पर उन्हें भरोसा नहीं है.
माहरा ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने ‘मन की बात' कार्यक्रम में चीतों के लिए नाम के सुझाव मांग रहे हैं लेकिन दुख की बात है कि उत्तराखंड की बेटी के लिए उनकी तरफ से न तो कोई संवेदनशील बयान आया और न ही उन्होंने इस बारे में कोई ट्वीट ही किया.
उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत शर्मनाक है. आज प्रधानमंत्री, भाजपा की महिला नेता और पूरा भाजपा संगठन बेनकाब हो गया है. पूरे प्रदेश में जहां कांग्रेस तथा अन्य दल घटना का विरोध कर रहे हैं, वहीं भाजपा, उसके आनुषांगिक संगठन और महिला नेता पूरे परिदृश्य से गायब हैं.''
इस संबंध में उन्होंने दुष्कर्म के आरोपों का सामना करने वाले भाजपा के तत्कालीन संगठन मंत्री संजय कुमार तथा प्रदेश की द्वाराहाट सीट से पूर्व विधायक महेश नेगी का भी जिक्र किया और कहा कि आखिर महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भाजपा के लोग ही क्यों सम्मिलित हैं.
एसआईटी के संबंध में माहरा ने कहा, ‘‘एसआईटी तो पुलिस की है जिसके अधिकारी लड़की की हत्या के आरोपी के पिता से हाथ मिला रहे हैं, उनसे बात कर रहे हों, तो उस एसआईटी पर कितना दबाव होगा, यह समझा जा सकता है.'' गौरतलब है कि पुलकित के पिता विनोद आर्य हरिद्वार के एक बडे़ नेता हैं और पूर्व में दर्जाधारी राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. हालांकि, घटना के सामने आने के बाद भाजपा ने आर्य को तत्काल पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.
माहरा ने कहा कि 18 सितंबर को अंकिता के गायब होने के बाद चार दिन तक उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट न लिखना और आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस द्वारा उसे रिमांड पर न लेना भी पुलिस और प्रशासन पर संदेह पैदा करता है. उन्होंने यह भी दावा किया कि अंकिता ने जीवित रहते अपने मित्र को एक संदेश भेजकर कहा था कि एक बडे़ व्यक्ति के आने पर उसे ‘एक्सट्रा सर्विसेज' के लिए मजबूर किया जा रहा है और वह गलत जगह फंस गयी है, जहां उसे डर लग रहा है.
माहरा ने कहा कि इसके बाद लड़की की हत्या हो जाना प्रशासन के निकम्मेपन को साबित करता है. कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सबूतों को नष्ट करने की नीयत से ही रिजॉर्ट को बुलडोजर चलाकर तोड़ा गया. उन्होंने कहा, ‘‘यह चिंता का विषय है कि किस वीआईपी या सफेदपोश को बचाने की सरकार कोशिश कर रही है.''
माहरा ने कहा कि जानकारी में आ रहा है कि बडे़ रसूखदार लोग उस रिजॉर्ट में जाते थे, बिना पंजीकरण के रिजॉर्ट चल रहा था तथा किसी और मकसद के लिए आवंटित हुई जमीन पर रिजॉर्ट बना दिया गया. उन्होंने कहा कि सरकार को इन सवालों के जवाब देने चाहिए.
हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को फिर दोहराया कि उनकी सरकार दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करेगी तथा उन्हें जल्द सजा दिलाने के लिए मामले को फास्ट ट्रैक अदालत में ले जाया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रकरण की तेजी से जांच करने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जा चुका है जबकि इसमें संलिप्त लोगों को जल्द सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक अदालत के माध्यम से कार्यवाही की जाएगी.
पौड़ी जिले के यमकेश्वर में गंगा भोगपुर स्थित वनतारा रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की कथित तौर पर रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों के साथ मिलकर ऋषिकेश की चीला नहर में फेंककर हत्या कर दी थी.
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