
उत्तराखंड में अवैध मदरसों के खिलाफ प्रशासन की तरफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. पिछले कुछ दिनों से प्रशासन द्वारा अवैध मदरसों को बंद करने की कार्रवाई की जा रही थी, और अब तक 52 मदरसे सील किए जा चुके हैं. भारत नेपाल बॉर्डर से लेकर देहरादून के विकासनगर तक एक नही बल्कि 52 अवैध मदरसों को सील किया गया है ये मदरसे बिना रजिस्ट्रेशन और नियमों के विरूद्ध संचालित किए जा रहे थे. सीएम का कहना है कि अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर कार्रवाई चलती रहेगी.
देहरादून ज़िले में 43 मदरसे सील किये गए तो नेपाल बॉर्डर खटीमा जो संवेदनशील एरिया है वहां 9 मदरसे सील किये गए हैं. इसके साथ ही सील हुए मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को दूसरे विद्यालयों में पढ़ाया जाएगा.
स्थानीय प्रशासन की मानें तो ये अवैध मदरसे बिना किसी उचित पंजीकरण के संचालित हो रहे थे और इससे बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा से संबंधित कई चिंताएं उत्पन्न हो रही थीं. अवैध मदरसों को बंद करने के इस अभियान का उद्देश्य बच्चों को बेहतर और सुरक्षित शिक्षा प्रदान करना है. इस अभियान के तहत अब तक 11 मदरसों को सील किया जा चुका है, और प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी.
बता दें कि मदरसा सीलिंग की कार्रवाई करने के दौरान स्थानीय प्रशासन बड़ी ही सर्तकता बरत रहा है. पिछले महीने हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में मलिक के बगीचे में अवैध मदरसा और धर्मस्थल ढहाने गई पुलिस और प्रशासन की टीम पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया था. इस दौरान कई लोगों की मौत हो गई. पथराव में सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, रामनगर कोतवाल समेत 300 से अधिक पुलिसकर्मी और निगमकर्मी घायल हो गए थे.
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