- उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित टिमरसेन स्थल पर प्राकृतिक बर्फानी शिवलिंग के दर्शन शुरू हो गए हैं
- टिमरसेन में बर्फीली चोटियों के बीच भगवान शिव का बर्फानी स्वरूप श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है
- कड़ाके की ठंड और बर्फबारी के बावजूद भक्त टिमरसेन पहुंचकर बाबा बर्फानी के दर्शन कर रहे हैं
चारधाम यात्रा के बाद अब उत्तराखंड का सीमांत जनपद चमोली शीतकालीन आस्था और पर्यटन के केंद्र के रूप में उभर रहा है. जनपद चमोली की नीति घाटी में मौजूद टिमरसेन धार्मिक स्थल पर बाबा अमरनाथ की तर्ज पर प्राकृतिक रूप से निर्मित बर्फानी शिवलिंग के दर्शन शुरू हो गए हैं, जिसने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को अपनी ओर आकर्षित करना शुरू कर दिया है.

प्राकृतिक खूबसूरती और आस्था का संगम
टिमरसेन एक ऐसा अद्भुत धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल है, जहां बर्फीली चोटियों के बीच भगवान शिव अपने बर्फानी स्वरूप में भक्तों को दर्शन देते हैं. इस साल भी टिमरसेन में बाबा बर्फानी अपने दिव्य स्वरूप में दिखने लगे हैं. यह प्राकृतिक घटना और अलौकिक दृश्य देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींच रहा है.

सीमांत क्षेत्र होने के बावजूद भक्तगण कड़ाके की ठंड और बर्फबारी की चिंता किए बिना बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए टिमरसेन पहुंच रहे हैं. क्षेत्र में लगातार तापमान गिरने की वजह से झरने और नालों का पानी भी जमना शुरू हो गया है, जिसने यहां के वातावरण को और भी ज्यादा बर्फीला और मनमोहक बना दिया है.

शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने की तैयारी
बाबा बर्फानी के दर्शनों के साथ ही उत्तराखंड सरकार ने चमोली जनपद में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने की कवायद शुरू कर दी है. पर्यटन अधिकारी अरविंद गौर ने बताया कि शीतकालीन पर्यटन को लेकर जनपद में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.खासतौर पर ब्रह्मताल और कर्जन ट्रैक जैसे फेमस ट्रेकिंग मार्गों पर पर फोकस किया जा रहा है.

टिमरसेन में प्राकृतिक रूप से बने बर्फीले शिवलिंग के दर्शनों ने शीतकालीन यात्रा को और भी अधिक आध्यात्मिक और रोमांचक बना दिया है, जिससे चमोली को धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर एक नई पहचान मिल रही है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं