उत्तराखंड में अवैध मदरसों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है. राज्य के तीन जिलों में लगभग 200 अवैध मदरसों की पहचान की गई है, जो बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे थे. हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में मदरसों के वेरिफिकेशन के निर्देश दिए थे, जिसके बाद इन अवैध मदरसों की पहचान कर कार्रवाई की गई है. CM पुष्कर सिंह धामी ने इस दौरान कहा कि राज्य के मूल स्वरूप से किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं होने दिया जाएगा.
दरअसल, इससे पहले हरिद्वार में चल रहे 30 मदरसों की मान्यता रद्द कर दी गई है और यह बताया जा रहा है कि यह बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे थे. वहीं, 415 मदरसे रजिस्टर्ड है, जिसमें लगभग 46 हजार के करीब छात्र और छात्राएं पढ़ रहे हैं. उत्तराखंड मदरसा बोर्ड और उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अंतर्गत यह 415 मदरसे आते है.
लगातार अवैध मदरसों और अपंजीकृत मदरसों को लेकर शिकायतें आ रही थी. इसके अलावा कुछ अन्य गतिविधियां भी संचालित होने की शिकायतों के बाद उत्तराखंड सरकार ने फैसला लिया है कि राज्य में संचालित मदरसों का वेरिफिकेशन किया जाएगा. मदरसों को मिलने वाली फंडिंग की जांच की जाएगी.
अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है. अब सवाल यह है कि क्या सिर्फ मदरसों के खिलाफ ही कार्रवाई की जाएगी, या फिर उन अधिकारियों के खिलाफ भी कदम उठाए जाएंगे, जिनकी शह पर ये मदरसे चल रहे थे.
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