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This Article is From Jul 09, 2017

फिल्म की परिकल्पना भी रच चुके हैं योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आध्यात्मिकता से तो लोग भलीभांति परिचित हैं लेकिन उनकी रचनात्मकता के एक पहलू को बहुत कम लोग ही जानते होंगे.

फिल्म की परिकल्पना भी रच चुके हैं योगी आदित्यनाथ
( फाइल फोटो )
  • गोरखनाथ के गुरु मत्स्येन्द्रनाथ पर आधारित फिल्म की परिकल्पना रची थी
  • फिल्म का नाम 'जाग मछन्दर गोरख आया' था
  • गोरखपुर के यूनाईटेड टॉकिज में लगी थी फिल्म
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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आध्यात्मिकता से तो लोग भलीभांति परिचित हैं लेकिन उनकी रचनात्मकता के एक पहलू को बहुत कम लोग ही जानते होंगे. योगी ने कई साल पहले बाबा गोरखनाथ के गुरु मत्स्येन्द्रनाथ पर आधारित एक फिल्म की परिकल्पना रची थी, जो रूपहले पर्दे पर भी उतरी थी. योगी की परिकल्पना पर बनी 'जाग मछन्दर गोरख आया' नामक फिल्म 18 जनवरी 2013 को रिलीज हुई थी. फिल्म के निर्देशक अवधेश सिंह ने बताया कि योगी ने बाबा गोरखनाथ के गुरु बाबा मत्स्येन्द्रनाथ के जीवन पर आधारित फिल्म की परिकल्पना रची थी, लेकिन उन्होंने इसका श्रेय नहीं लिया था.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भगवान शिव के अवतार माने जाने वाले बाबा गोरखनाथ के मठ के महन्त भी हैं. सिंह ने बताया, 'बड़े महाराज जी (महन्त अवैद्यनाथ) की इच्छा थी कि नाथ सम्प्रदाय के गुरु बाबा गोरखनाथ के गुरु बाबा मत्स्येन्द्रनाथ के जीवन पर एक फिल्म बने. ' उन्होंने बताया, 'बड़े महाराज जी की प्रेरणा ने मुझे फिल्म का शीर्षक- जाग मछन्दर गोरख आया, मिला और मैंने उसे नाथ फिल्म प्रोडक्शन कम्पनी के नाम से पंजीकृत कराया. हम महाराज जी (योगी आदित्यनाथ) के आभारी हैं कि उन्होंने इस दो घंटे और 20 मिनट की फिल्म के लिये परिकल्पना और थीम उपलब्ध करायी.' सिंह ने बताया कि इस फिल्म को विषय की गरिमा के अनुरूप बनाना बहुत मुश्किल काम था. ऐसा लग रहा है कि उसके प्रत्येक चरण को गहराई से परखा जाएगा, लेकिन सौभाग्य से चीजें ठीक ढंग से होती गयीं और फिल्म 18 जनवरी 2013 को रिलीज हुई. बड़े महाराज जी (महन्त अवैद्यनाथ) तबीयत खराब होने की वजह से वह फिल्म नहीं देख सके लेकिन महाराज जी (आदित्यनाथ) ने गोरखपुर के यूनाईटेड टॉकिज में लगी यह फिल्म ना सिर्फ देखी, बल्कि उसकी तारीफ भी की.

योगी ने अध्यात्म से जुड़ी अनेक किताबें भी लिखी हैं गोरखनाथ मठ स्थित पुस्तकालय के लाइब्रेरियन संदीप बताते हैं कि योगी की पुस्तकें 'हठयोग स्वरूप एवं साधना', 'राजयोग स्वरूप एवं साधना', 'युग पुरुष महन्त दिग्विजय नाथ', 'योगी सत्कर्म', 'हठयोग पृवितिका' और 'महायोगी गोरखनाथ' प्रकाशित हो चुकी हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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