- नोएडा प्राधिकरण में घोटाले के आरोपी हैं यादव सिंह
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज जमानत याचिका
- जेल में बंद हैं यादव सिंह
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नई दिल्ली:
नोएडा अथॉरिटी के हजारों करोड़ रुपये के घोटाला मामले में आरोपी यादव सिंह की जमानत याचिका मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने खारिज कर दी है. लखनऊ जेल में बंद यादव सिंह ने प्रवर्तन निदेशालय के मामले में मंगलवार को जमानत याचिका दायर की थी, जो खारिज कर दी गई. जमानत याचिका खारिज होने के बाद यादव सिंह को जल्द राहत मिलती नहीं दिख रही है. यादव सिंह सहित उनके नोएडा अथॉरिटी के नौ साथी बहुचर्चित टेंडर घोटाले में डासना जेल में सजा काट रहे हैं. यादव सिंह पर आरोप है कि उसने नोएडा प्राधिकरण में चीफ इंजीनियर रहते हुए कई सौ करोड़ रुपये घूस लेकर ठेकेदारों को टेंडर बांटे. यही नहीं नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस अथॉरिटी में इंजीनियर रहते हुए यादव सिंह की सभी तरह के टेंडर और पैसों के आवंटन में बड़ी भूमिका होती थी.
सीबीआई ने यादव सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 466, 467, 469, 481 के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है. यादव सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और कानून के उल्लंघन के संबंध में केस दर्ज किया गया है. इस मामले में अबतक 80 बिल्डरों से पूछताछ हो चुकी है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सीबीआई ने यादव सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 466, 467, 469, 481 के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है. यादव सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और कानून के उल्लंघन के संबंध में केस दर्ज किया गया है. इस मामले में अबतक 80 बिल्डरों से पूछताछ हो चुकी है.
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