यूपी के ललितपुर में जिला पंचायत के अधिकारियों ने 125 साल पुरानी ब्रिटिशकालीन इमारत पर रातोंरात बुलडोजर चलाकर उसे जमींदोज कर दिया. चर्चा है कि बुलडोज़र चलाने वाले इस इमारत के नीचे कोई ख़ज़ाना ढूंढ़ रहे थे. इसके गिरने के बाद सुबह जब लोगों ने इमारत की जगह उसका मलबा और ज़मीन में बड़े बड़े गड्ढे देखे तो हड़कंप मच गया. गांव के चौकीदार थाने से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय तक ख़ज़ाने की खुदाई की चर्चाएं शुरू हो गई. जिलाधिकारी ने भी मामले का संज्ञान लेकर एडीएम को जांच देकर तीन दिन में रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं.

मामला ललितपुर के बिरधा चौकी क्षेत्र का है जहां ब्रिटिश शासनकाल के दौरान साल 1901 में एक इमारत बनाई गई थी. इसका नाम बिरधा इंस्पेक्शन हाउस रखा गया था. वर्तमान में यह इमारत जिला पंचायत के अधीन आ रही थी. इस ऐतिहासिक इमारत की वर्षों से सुरक्षा और संरक्षित करने की मांग जारी थी लेकिन रातों रात इस इमारत पर बिना किसी प्रशासनिक स्वीकृति के बुलडोजर चलाकर उसे जमींदोज कर दिया गया. इमारत वाले स्थान पर कई कई फीट गहरे गढ्ढे खोद दिए गए जिसकी चर्चा अब शासन में बैठे उच्चाधिकारियों तक फ़ैल गई है.
इस मामले को लेकर पर्यटन एवं जिला संस्कृति समिति की सदस्य मोहिनी रजक ने बताया कि वह पिछले तीन वर्षों से बिट्रिशकालीन इमारत के रखरखाव और उसे संरक्षित करने की मांग कर रही थीं. इसके लिए उन्होंने जिला स्तर और शासन स्तर पर पत्राचार किया है. लेकिन जिला पंचायत के अधिकारियों ने बिना प्रशासनिक और शासन से स्वीकृति लिए ही 124 साल पुरानी ब्रिटिशकालीन इमारत पर बुलडोजर चलाकर नामोंनिशान मिटा दिया. मोहिनी रजक की मांग है कि इस मामले की जांच कर इसका खुलासा किया जाए कि इमारत क्यों तोड़ी गई और उसके नीचे खुदाई क्यों की गई? साथ ही दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की भी उन्होंने मांग की है.

ललितपुर के जिलाधिकारी अमनदीप दुली ने इस मामले में कहा कि ये मामला संज्ञान में आया है और इसकी जांच एडीएम को दी गई है. इमारत क्यों ढहाई गई, इसकी रिपोर्ट सोमवार तक आ जाएगी. जहां तक ख़ज़ाना खोदने की बात है, ये संभवतः एक साजिश है और जब तक जांच रिपोर्ट पूरी नहीं होती तबतक इस चर्चा को माना नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि जो भी नतीजा जांच में निकलकर आता है, उसके बाद निश्चित तौर पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
बहरहाल जिला पंचायत के विभागीय आंकड़ों के अनुसार बिरधा क्षेत्र में जिला पंचायत की लगभग साढ़े पांच एकड़ ज़मीन है. उसी ज़मीन के बीचों-बीच साल 1901 में बनाई गई ब्रिटिशकालीन इमारत स्थापित थी. अब बिना प्रशासनिक स्वीकृति के रातों-रात इमारत पर बुलडोजर चलाने और उसके नीचे जेसीबी मशीन से खोदे गए गहरे गहरे गढ्ढे एक बड़ा रहस्य पैदा कर रहे हैं.ल
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