- महोबा के पवा गांव में SIR कार्य के अत्यधिक दबाव के कारण शिक्षामित्र शंकरलाल राजपूत ने आत्महत्या कर ली
- शंकरलाल को दैनिक सौ फॉर्म भरने और घर-घर जाकर जानकारी जुटाने का अत्यधिक लक्ष्य दिया गया था
- BLO और उनके सहायकों को काम के दबाव के साथ-साथ जनता की ओर से अभद्र व्यवहार का भी सामना करना पड़ता है
यूपी में SIR के काम में लगे बूथ लेवल अफसर (BLO) और उनके सहायकों पर काम का अत्यधिक दबाव और जनता की ओर से अभद्रता, दोनों ही गंभीर संकट बनकर उभरे हैं. महोबा में जहां SIR कार्य के दबाव से एक शिक्षामित्र ने आत्महत्या कर ली. वहीं, नोएडा में एक महिला BLO के साथ अभद्रता का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है.
नोएडा में BLO से अभद्रता: 'हल्के में मत लेना' कहने वाला गिरफ्तार
BLO ड्यूटी के दौरान कर्मचारियों को जनता के दुर्व्यवहार का भी सामना करना पड़ रहा है. नोएडा के सेक्टर-12 स्थित प्राथमिक विद्यालय में एक महिला BLO के साथ अभद्रता का मामला सामने आया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वायरल वीडियो में नशे में धुत्त शख्स जोर-जोर से चिल्लाते हुए और धमकी भरे लहज़े में महिला BLO को कहता हुआ दिखाई दे रहा है कि “हल्के में मत लेना मुझे, मेरा नाम जोगिंदर है.” महिला BLO बार-बार आरोपी को समझाती दिख रही है कि उसका वोट संबंधित बूथ पर दर्ज नहीं है और उसे वहां जाना चाहिए, लेकिन इसके बावजूद आरोपी अभद्रता करता रहा.
“हल्के में मत लेना मुझे, मेरा नाम जोगिंदर है”
— NDTV India (@ndtvindia) December 3, 2025
नोएडा सेक्टर-12 में BLO से अभद्रता का वीडियो वायरल, पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया#Noida pic.twitter.com/rurfT45Kfz
सुपरवाइजर/BLO की शिकायत के आधार पर थाना सेक्टर 24 पुलिस ने सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में एफआईआर दर्ज की. जांच में आरोपी की पहचान चौड़ा गांव निवासी जोगिंदर पुत्र हुकुम सिंह के रूप में हुई. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 2 दिसंबर को आरोपी जोगिंदर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
महोबा में SIR के दबाव ने ली शिक्षामित्र की जान
महोबा जनपद के श्रीनगर थाना क्षेत्र के पवा गांव में SIR कार्य के अत्यधिक दबाव के कारण 50 वर्षीय शिक्षामित्र शंकरलाल राजपूत ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. सोमवार शाम से लापता चल रहे शंकरलाल का शव बुधवार सुबह गांव के पास स्थित कुएं में मिला.
शंकरलाल, पवा गांव के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र थे और 17 नवंबर से उन्हें BLO के सहायक के रूप में SIR कार्य में लगाया गया था. परिजनों और सहकर्मियों का कहना है कि उन पर रोजाना 100 फॉर्म भरने, घर-घर जाकर जानकारी जुटाने और उसकी ऑनलाइन एंट्री करने का अत्यधिक लक्ष्य निर्धारित किया गया था.
परिजनों के आरोप
मृतक की पुत्री अंजनी और भतीजों ने आरोप लगाया कि शंकरलाल रात में भी ठीक से सो नहीं पाते थे और अधिकारियों के जल्दी काम पूरा करने के दबाव से मानसिक रूप से परेशान थे, जिसके कारण उन्होंने यह कदम उठाया.
उनके साथ कार्यरत BLO बृजेंद्र सिंह ने भी स्वीकार किया कि SIR में काम का दबाव अत्यधिक है. उन्होंने बताया कि काम की चुनौती के दौरान कई बार जनता द्वारा अभद्र भाषा व गाली-गलौज भी होती है, जिससे मानसिक तनाव बढ़ जाता है. शिक्षामित्र की मौत से पवा गांव के ग्रामीणों, परिजनों और सहकर्मियों में गहरा आक्रोश है. वे अधिकारियों पर कार्रवाई और SIR कार्य प्रणाली की समीक्षा की मांग कर रहे हैं।
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