
- उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बेटियों को लिव इन रिलेशनशिप से बचने की सलाह दी है
- पटेल ने अनाथालय के उदाहरण से लिव इन रिलेशन के नकारात्मक परिणामों पर ध्यान आकर्षित किया
- उन्होंने नवाचार, अनुसंधान और पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए युवाओं को नशाखोरी से दूर रहने को कहा
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लिव इन को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बेटियों को लिव इन रिलेशन से बचना चाहिए. लिव इन रिलेशन का परिणाम देखना है तो अनाथालय जाकर देखिए. 15-20 साल की बेटियां एक एक साल का बच्चा लेकर लाइन में खड़ी हैं. बलिया में जन नायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में बलिया राजयपाल आनंदीबेन पटेल ने मंच से बोलते हुए बेटियों को लिव इन रिलेशन से बचने की सलाह दी.
लुभावने झांसों से बचने की सलाह
लिव इन रिलेशनशिप को लेकर बीते कुछ महीनों में अनिरुद्धाचार्य और प्रेमानंद जी महाराज के बयानों से काफ़ी विवाद हुआ था. बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी की बहन खुशबू की प्रेमानंद जी पर टिप्पणी को लेकर उनके घर पर फायरिंग तक हो चुकी है. राज्यपाल पटेल ने यहां जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए नवाचार और अनुसंधान पर विशेष रूप से जोर दिया. उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वह लुभावने झांसों में न आकर अपने जीवन को बेहतर लक्ष्यों के लिए समर्पित करें.
राज्यपाल ने नशे की समस्या पर जताई चिंता
उन्होंने कहा कि विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में भारत को अग्रणी बनाने के लिए युवाओं को नवाचार और अनुसंधान की दिशा में आगे बढ़ना होगा. उन्होंने केंद्र सरकार और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की चर्चा करते हुए पर्यावरण संरक्षण पर बल दिया. राज्यपाल ने युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति और सह-जीवी संबंध जैसी दुष्प्रवृत्ति पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि उन्हें तब खुशी होगी जब उत्तर प्रदेश का हर युवा नशाखोरी से मुक्त हो जाएगा. पटेल ने लड़कियों को सतर्क करते हुए कहा कि वह लुभावने झांसों में न आयें, बल्कि अपने जीवन को बेहतर लक्ष्यों के लिए समर्पित करें.
दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं राज्यपाल
उन्होंने विश्वविद्यालयों में अध्ययन- अध्यापन की संस्कृति में सुधार पर जोर देते हुए कहा कि छात्रों को नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित रहना होगा. उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वह पढ़ाने के साथ ही शोध की संस्कृति का विकास करें. विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में इस वर्ष कुल 19,560 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं. कार्यक्रम में 15,878 स्नातक और 3,682 स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को उपाधियां दी गईं. इस वर्ष दीक्षांत समारोह में छात्राओं का दबदबा देखने को मिला.
(भाषा इनपुट्स के साथ)
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