उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में पुलिस ने धर्म-परिवर्तन से संबंधित उत्तर प्रदेश में लागू किए गए नए कानून के तहत गिरफ्तार मुसलिम युवक और उसके भाई को दो सप्ताह बाद आज जेल से रिहा कर दिया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस को जांच के दौरान युवकों के खिलाफ जबरन धर्म परिवर्तन के कोई सबूत नहीं मिले. बताते चलें कि युवक को उस वक्त गिकफ्तार किया गया था जब वह हिंदू युवती के साथ किए गए विवाह को रजिस्ट्रार कार्यालय में दर्ज कराने पहुंचा था.
जेल से निकलने के बाद युवक ने कहा कि इस विषय में अब मैं ज्यादा क्या कह सकता हूं. हमने आपसी सहमति से विवाह किया था. युवक ने कहा आज मैं 15 दिन जेल में बिताने के बाद बाहर आया हूं और अब मुझे काफी राहत महसूस हो रही है. जब युवक से कानून के गलत इस्तेमाल पर सवाल पूछा गया तो उसने जवाब देने से इनकार कर दिया. बता दें कि पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हुआ था जिसमें कथित तौर पर बजरंग दल के कार्यकर्ता जोड़े से पूछ रहे थे कि क्या युवती ने धर्म-परिवर्तन के अपने इरादे को लेकर स्थानीय जिलाधिकारी को अवगत कराया है? जोकि नए कानून के मुताबिक आवश्यक है.
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 24 नवंबर को विवाह की खातिर जबरन या झूठ बोलकर धर्म परिवर्तन के मामलों से निबटने के लिये विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 को मंजूर किया था जिसके अंतर्गत दोषी व्यक्ति को 10 साल तक की कैद हो सकती है. प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 28 नवंबर को इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी.
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