
मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) की एक छात्रा के साथ हुए साइबर अपराध के बाद, पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो 'भगवा लव ट्रैप' के नाम पर मुस्लिम लड़कियों को बदनाम करने की साजिश रच रहा था. इस गिरोह का मुख्य सरगना, फिरोज को बिहार से गिरफ्तार किया गया है. इस मामले ने एक नया और चौंकाने वाला पहलू उजागर किया है. इसमें मुस्लिम समुदाय के लोग ही मुस्लिम युवतियों को निशाना बना रहे हैं.
क्या है भगवा लव ट्रैप?
पुलिस के मुताबिक, 'भगवा लव ट्रैप' एक ऐसा षड्यंत्र है जिसमें मुस्लिम युवतियों को उनके हिंदू दोस्तों के साथ की तस्वीरें और वीडियो वायरल करके उन्हें बदनाम किया जाता है. यह गिरोह उन मुस्लिम लड़कियों को निशाना बनाता है जिनकी हिंदू लड़कों से दोस्ती होती है. वे इन लड़कियों को समाज में नीचा दिखाने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करते हैं.

मेरठ की घटना
कुछ महीने पहले, सीसीएसयू की एक छात्रा ने मेडिकल थाने में एक मुकदमा दर्ज कराया था. छात्रा ने आरोप लगाया था कि उसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करके उन पर भद्दे कमेंट किए जा रहे हैं. साइबर सेल ने जब जांच शुरू की तो पाया कि जिस इंस्टाग्राम आईडी से ये सामग्री वायरल की गई थी, वह फर्जी थी. हालांकि, पुलिस ने आईडी बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए नंबर की मदद से आरोपी की पहचान फिरोज के रूप में की. फिरोज को जब लगा कि पुलिस उसके करीब है तो वह बिहार भाग गया, लेकिन मेरठ पुलिस ने उसे वहां से गिरफ्तार कर लिया.
मेरठ के एसएसपी डॉक्टर विपिन ताडा ने बताया, "पीड़ित छात्रा ने मुकदमा दर्ज कराया था कि उसकी वीडियो और फोटो वायरल करके भद्दे कमेंट किए जा रहे हैं. साइबर सेल ने जांच की तो आईडी फर्जी निकली, लेकिन पता चला कि ये फोटो और वीडियो फिरोज को उपलब्ध कराए गए थे. हमने फिरोज को गिरफ्तार कर लिया है और उसके बाकी साथियों की भी तलाश जारी है."
गिरोह का नेटवर्क और आगे की जांच
पुलिस की पूछताछ में यह बात सामने आई है कि फिरोज अकेला नहीं है, बल्कि उसके साथ इस गिरोह में कई और लोग भी शामिल हैं. पुलिस अब फिरोज से मिली जानकारी के आधार पर इस सिंडिकेट से जुड़े अन्य सदस्यों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है.
पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या यह फिरोज के दिमाग की उपज है या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है. यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस काम के लिए उन्हें किसी तरह की फंडिंग मिल रही है. यह मामला न केवल साइबर अपराध का है बल्कि साम्प्रदायिक तनाव भड़काने के इरादे से किया गया एक गंभीर अपराध भी है. पुलिस इन सभी बिंदुओं पर गहनता से जांच कर रही है ताकि इस पूरे सिंडिकेट का पर्दाफाश किया जा सके.
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