 
                                            समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन (Nahid Hasan) की मुसीबतें इस महीने की शुरुआत में तब शुरू हुईं, जब वह कैराना के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अमित पाल शर्मा के साथ ट्रैफिक उल्लंघन को लेकर भिड़ पड़े थे. हसन कथित रूप से वैध कागजात के बिना एक एसयूवी चला रहे थे और सरकारी कर्मचारी के साथ दुर्व्यवहार किया. घटना का एक वीडियो वायरल होने के बाद, उत्तर प्रदेश पुलिस ने ड्यूटी कर रहे सरकारी अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार करने पर विधायक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया. यहीं से उनके लिए मुश्किल दौर शुरू हो गया. पुलिस ने उनके खिलाफ 12 आपराधिक मामले दर्ज किए. जहां इनमें से चार नए थे, बाकी पुराने मामले थे.
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हसन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करने और दंगे भड़काने से संबंधित मामलों को फिर से खोल दिया गया.पुलिस द्वारा हसन के खिलाफ चार मामलों में वारंट हासिल करने के बाद हसन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. उनके कैराना और दिल्ली आवासों पर छापेमारी की गई और तलाशी ली गई है, लेकिन विधायक की गिरफ्तारी नहीं हो पाई. विधायक कथित तौर पर गिरफ्तारी के डर से भूमिगत हो गए हैं और उन्हें 'फरार' घोषित कर दिया गया है. हसन के खिलाफ दर्ज फजीर्वाड़े का ताजा मामला उम्मेद राव से संबंधित है, जिन्होंने हसन के सहयोगियों में से एक नवाब को अपना मिनी ट्रक पट्टे पर दिया था.
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नवाब पर उम्मेद का 1.85 लाख रुपये बकाया था और उम्मेद द्वारा बार-बार याद दिलाने के बावजूद, उन्होंने राशि या ट्रक वापस नहीं किया. इसके बाद उम्मेद ने पुलिस से संपर्क किया. उम्मेद की पत्नी का आरोप है कि विधायक की धमकी के बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ गया. शामली के एसपी अजय कुमार ने कहा, "हमारे पास नाहिद हसन के खिलाफ चार वारंट हैं. अगर वह आत्मसमर्पण नहीं करते हैं या उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाती है तो हम 20 अक्टूबर तक उनकी संपत्ति कुर्क कर लेंगे."
 
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