उत्तर प्रदेश के हापुड़ गढ़मुक्तेश्वर के खादर में कार्तिक पूर्णिमा पर इस बार पशु मेले का आयोजन नहीं होगा. लंपी रोग के बढ़ते प्रकोप के चलते पशु पालन विभाग के अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे ने मेला का आयोजन न कराने के आदेश दिए हैं. उनके आदेश के बाद पशु मेला से जुड़े 10 लाख से अधिक लोगों को तगड़ा झटका लगा है. मेला में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों के अलावा पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के पशु व्यापारी शामिल होते हैं. अनुमति न मिलने पर प्रजापति समाज के लोगों में रोष फैल गया है.
इस बार कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेला 29 अक्टूबर को शुरू होगा और 11 नवंबर तक चलेगा. मुख्य कार्तिक पूर्णिमा स्नान 8 नवंबर को रहेगा. हर साल कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर लगने वाले इस मेले के बड़े क्षेत्रफल में पशु मेला का भी आयोजन होता है. वर्ष 2020 में कोरोना के चलते मेला का आयोजन नहीं हो पाया था. वर्ष 2021 में मेला के आयोजन के दौरान लगी पाबंदियों ने फीका कर दिया था.
इस वर्ष पशु व्यापारियों और प्रजापति समाज के लोगों को बड़ी उम्मीदे थीं, लेकिन इस बार पशुओं में फैले लंपी त्वचा रोग के कारण जिला प्रशासन ने पशु मेला के आयोजन पर रोग लगा दी थी.
मेले के आयोजन के लिए शासन से दो करोड़ 42 लाख रुपये के अनुदान की मांग की गई थी. शासन से प्राप्त अनुदान एक करोड़ 30 लाख को सम्मिलित करते हुए लगभग डेढ़ करोड़ रुपये के टेंडर आमंत्रित किए गए हैं.
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