
- भोलेंद्र पाल सिंह ने CM योगी पर फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया.
- गोरखपुर के चार थानों में 6 एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने तीन दिनों तक आरोपी की तलाश की और आखिरकार गिरफ्तारी की.
- भोलेंद्र के ईंट-भट्ठे पर छापेमारी में अवैध शराब बनाने के सबूत मिले. मोटर व्हीकल एक्ट तहत वाहन सीज किए गए.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले भोलेंद्र पाल सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पिपराइच विधानसभा सीट से भाजपा विधायक महेन्द्र पाल सिंह के भाई भोलेन्द्र पाल सिंह ने गुरुवार की रात फेसबुक पर सीएम योगी आदित्यनाथ, गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक विपिन सिंह और मुख्यमंत्री के ओएसडी बल्लू राय पर अभद्र टिप्पणी की थी. इस मामले में 3 दिन में गोरखपुर के 4 थाने में आरोपी के खिलाफ 6 एफआईआर दर्ज कर पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. देर शाम पुलिस ने टिप्पणी करने वाले भोलेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि भाजपा विधायक महेन्द्र पाल सिंह ने भाई के इस कृत्य पर माफी मांगते हुए कहा है कि उनका भाई से खून के रिश्ते को वे नकार नहीं सकते हैं, लेकिन उनका भाई से 25 साल से कोई संबंध नहीं है. भाजपा की छवि धूमिल करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
वायरल होने पर डिलीट कर दी थी पोस्ट
गोरखपुर में भाजपा विधायक महेंद्र पाल सिंह के भाई पर 3 दिन में 4 थानों में 6 एफआईआर दर्ज कराई गई है. विधायक के भाई भोलेंद्र पाल सिंह ने गुरुवार रात फेसबुक पर सीएम योगी, उनके ओएसडी और ग्रामीण क्षेत्र के एक विधायक पर अभद्र टिप्पणी की थी. पोस्ट वायरल होने के बाद परिवार के लोगों ने पोस्ट डिलीट कर दी. भोलेंद्र सिंह फरार था. पुलिस ने उसके घरवालों से पूछताछ की. उसकी तलाश में क्राइम ब्रांच सहित कई थानों की टीमें लगाई गई. शनिवार रात भोलेंद्र के ईंट-भट्ठे पर एसडीएम सदर दीपक गुप्ता, आबकारी विभाग की टीम और पुलिस ने छापा मारा. यहां टीम को कच्ची शराब बनाने के सबूत मिले हैं. भारी मात्रा में लहन भी बरामद की गई और रविवार देर शाम पिपराइच पुलिस ने आरोपी भोलेंद्र पाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया.
किस बात पर शुरू हुआ विरोध
गोरखपुर पिपराइच के पूर्व विधायक और सैंथवार समाज के नेता रहे स्व. केदार सिंह की प्रतिमा हटाने की चर्चा से सैंथवार मल्ल महासभा ने विरोध किया था. गोलघर स्थित 95 हजार वर्ग फीट जमीन को उद्योगपति ओमप्रकाश जालान की कंपनी ने फ्रीहोल्ड करा लिया था. इसकी रजिस्ट्री भी 2003 में हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जमीन खाली करा ली गई. इसी बात को लेकर भोलेंद्र पाल सिंह ने गुरुवार देर रात फेसबुक पोस्ट लिखा था. इसमें गालियां और अभद्र बातें लिखी थीं. भोलेंद्र पाल सिंह, पिपराइच से लगातार दूसरी बार विधायक महेंद्र पाल सिंह के सगे भाई हैं. इस पोस्ट के बाद भोलेंद्र पाल सिंह पर अलग अलग थाने पर छह एफआईआर दर्ज की गईं. पिपराइच से बीजेपी विधायक महेंद्र पाल सिंह ने भी इस घटना की निंदा की है.
विधायक महेंद्र पाल सिंह तीन भाई हैं. तीनों भाइयों के अलग-अलग ईंट-भट्ठे हैं. महेंद्र पाल ईंट-भट्ठा निर्माता समिति के अध्यक्ष भी हैं. शनिवार को भोलेंद्र के बेला कांटा में स्थित ईंट-भट्ठे पर छापेमारी के दौरान 3 ट्रैक्टर और 2 ट्रॉली बरामद की गईं. कृषि कार्य के बजाय इनका उपयोग कामर्शियल कामों में किया जा रहा था. मोटर व्हीकल एक्ट के तहत इन वाहनों को सीज कर दिया गया है. एसडीएम की शुरुआती जांच में सामने आया कि भोलेंद्र का ईंट-भट्ठा अवैध रूप से चल रहा है.
'दिन-रात शराब पीते हैं और...'
भाजपा विधायक महेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि उसने गलत काम किया है. वे यूपी और भारत के लोकप्रिय मुख्यमंत्री हम सभी के अभिभावक, ओएसडी बल्लू राय और विधायक जी के साथ भोलेन्द्र पाल सिंह ने किया है, वो अक्षम्य है. वो बहुत ही गलत मानसिकता को दर्शाता है. ऐसे किए हुए कृत्य के लिए वे मुख्यमंत्री और सभी लोगों से माफी मांगते हैं. इन्हीं कृत्यों की वजह से ये संयुक्त परिवार आज से 25 साल पहले पारिवारिक बंटवारा हुआ था. वो किसी की बात नहीं मानते थे. व्यवसाय में भी बाधा डालते थे. उनके विकास अवरुद्ध होते थे. उसके बावजूद वो लगातार उनके बारे में सोशल मीडिया पर गलत टिप्पणी करने की वजह से परिवार में भी कई बार बैठकर बात हुई. वो शराब पीने के आदी हैं. रोज दिन-रात शराब पीते हैं. शराब पीकर क्या लिखेंगे इसका उन्हें होश भी नहीं रहता है. कुछ गलत लोगों के हाथों उकसाने पर ऐसे कार्य को अंजाम देते हैं.
विधायक महेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि जो ऐसे लोग हैं, उन्हें भी चिह्नित करके कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. ऐसे लोग परदे के पीछे रहकर किसी को उकसाकर लोगों और पार्टी की छवि को खराब करते हैं. पार्टी निरंतर अच्छे कार्य कर रही है. 2014 से केंद्र में और 2017 से प्रदेश में भाजपा की सरकार है. अच्छे कार्य हो रहे हैं. ये विपक्षियों को पच नहीं रहा है. पूर्व सपा विधायक स्व. बाबू केदारनाथ सिंह और जालान के बीच मुकदमा चल रहा था. जालान के मुकदमा जीतने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आवास को खाली करने का आदेश दिया. वे आवास खाली नहीं कर रहे थे. इस बार कड़े निर्देश के बाद बंगला खाली हो गया. मूर्ति को लेकर समाज की भावनाओं को लेकर उनका भी सम्मान होना चाहिए.
विधायक महेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि दुनिया में जिनके कार्य का लोहा मानती है उनके खिलाफ गलत कृत्य किया है. उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. उनका उनके भाई से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने फेसबुक पर उन्हें भी अपमानित करने का काम किया है. उनका उनके भाई से 25 साल से कोई संबंध नहीं है. सैंथवार समाज के लोग मुख्यमंत्री के साथ हैं. जैसा वे निर्णय लेंगे उनके समाज को लोगों को मान्य होगा.
रिपोर्ट: अबरार अहमद
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