प्रतीकात्मक चित्र
बिजनौर:
पंचायतों के फैसलों पर आपने विवाद तो होते अक्सर देखे होंगे, लेकिन बिजनौर के बेगावाला में हुई मुस्लिम समाज की पंचायत ने एक सराहनीय पहल की है. शादियों पर लड़की वालों को दिक्कतों से बचाने के लिए पंचायत ने दूल्हे के संग सिर्फ पांच बाराती ले जाने का फैसला सुनाया है. इतना ही नहीं, शादी के दौरान डीजे, बैंड और वीडियोग्राफी पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. साथ ही सभी रस्मे 151 रुपये में करने का भी फरमान सुनाया है. वहीं, शोक के मौके पर अच्छे पकवान बनवाने पर भी रोक लगा दी गई है. गांव मोहम्मदपुर मंडावली स्थित मदरसा जियाउल इस्लाम में शनिवार को झोझा, इदरीसी, सलमानी और धोबी समाज की पंचायत आयोजित की गई, जिसमें शादियों में होने वाली फिजूलखर्ची और उससे लड़की के परिजनों को होने वाली दिक्कतों पर विचार किया गया.
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पंचायत में शामिल टीचर मोहम्मद सलीम ने कहा कि शादियों में फिजूलखर्ची पर बंदिश के लिए सभी को आगे आना चाहिए. लंबे विचार-विमर्श और मंथन के बाद पंचायत ने फैसला किया कि अब बारात में दूल्हे के संग केवल पांच बाराती ही जाएंगे. डीजे, बैंड और वीडियोग्राफी पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई जानी चाहिए.
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पंचायत ने यह भी फैसला किया कि शादी के दौरान पांच जिम्मेदार लोगों की मौजूदगी में 151 रुपये में रिश्ते की सभी रस्में पूरी की जाएंगी. इस बीच लड़का और लड़की पक्ष के बीच कोई लेन-देन नहीं होगा. वहीं लड़की पक्ष भी निकाह की रस्म पूरी होने के बाद ही बिना दिखावा किये दहेज के रूप में सिर्फ जोड़े को जरूरत का सामान देगा.
VIDEO : शादियों के सीजन में भी बाजारों से रौनक गायब
इसके अलावा मौत वाले परिवार में मेहमानों के लिए कोई खास या अच्छा पकवान नहीं बनाया जाएगा. इन बातों पर अमल नहीं करने वालों को समिति के पदाधिकारियों की कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
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पंचायत में शामिल टीचर मोहम्मद सलीम ने कहा कि शादियों में फिजूलखर्ची पर बंदिश के लिए सभी को आगे आना चाहिए. लंबे विचार-विमर्श और मंथन के बाद पंचायत ने फैसला किया कि अब बारात में दूल्हे के संग केवल पांच बाराती ही जाएंगे. डीजे, बैंड और वीडियोग्राफी पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई जानी चाहिए.
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पंचायत ने यह भी फैसला किया कि शादी के दौरान पांच जिम्मेदार लोगों की मौजूदगी में 151 रुपये में रिश्ते की सभी रस्में पूरी की जाएंगी. इस बीच लड़का और लड़की पक्ष के बीच कोई लेन-देन नहीं होगा. वहीं लड़की पक्ष भी निकाह की रस्म पूरी होने के बाद ही बिना दिखावा किये दहेज के रूप में सिर्फ जोड़े को जरूरत का सामान देगा.
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इसके अलावा मौत वाले परिवार में मेहमानों के लिए कोई खास या अच्छा पकवान नहीं बनाया जाएगा. इन बातों पर अमल नहीं करने वालों को समिति के पदाधिकारियों की कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.