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यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बैट पकड़कर क्रिकेट पर हाथ आजमाते हुए नजर आए

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के इकाना स्टेडियम में 36वें अखिल भारतीय एडवोकेट क्रिकेट टूर्नामेंट का किया शुभारंभ

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बैट पकड़कर क्रिकेट पर हाथ आजमाते हुए नजर आए
लखनऊ के इकाना स्टेडियम में क्रिकेट खेलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश (UP) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) रविवार की शाम को लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में क्रिकेट (Cricket ) खेलते हुए नजर आए. उन्होंने इस स्टेडियम में 36वें अखिल भारतीय एडवोकेट क्रिकेट टूर्नामेंट का शुभारंभ किया. इस मौके पर योगी आदित्यनाथ ने देश भर से प्रतियोगिता में हिस्सा लेने आए अधिवक्ताओं को खेल में टीम भावना के महत्व के बारे में नसीहत दी. 

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि खेल हम सबको एक टीम की भावना के साथ कार्य करने की प्रेरणा देता है. हमारे पास टीम वर्क की क्षमता है तो हमारी सफलता की गुंजाइश उतनी ही ज्यादा हो जाती है. लेकिन यदि हम टीम वर्क नहीं कर पा रहे हैं तो हमारे असफल होने की गुंजाइश भी उतनी ही ज्यादा हो जाती है. उन्होंने कहा कि हर जीत हमें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है, लेकिन हर हार भी हमारे सामने एक नया सबक होती है और हमें और भी नए प्रोत्साहन के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करती है. 

कार्यक्रम के दौरान सीएम ने प्रतियोगिता में प्रदान की जाने वाली ट्रॉफी का अनावरण किया. उन्होंने प्रतियोगिता में भाग ले रही सभी टीमों के कप्तानों के साथ ग्रुप फोटो शूट कराया और उन्हें किट भी वितरत कीं. 

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बेंच और बार की मौजूदगी लोगों को देगी प्रेरणा 

सीएम योग आदित्यनाथ ने कहा कि खेल हम सबको जोड़ने का काम करता है और फिर जब यह आयोजन हमारे राज्य में हो तो हमारा नैतिक दायित्व भी बनता है कि हम इसमें प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से सहभागी बनें और इस आयोजन को प्रोत्साहित करें. और जब प्रतिष्ठित टीमें इसमें भाग ले रही हैं, जिसमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बेंच भी हो और बार भी हो, तो यह न केवल रोचक होता है, बल्कि लोगों को एक प्रेरणा भी देता है. 

सही आकलन का अवसर 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले खेल एक टीम भावना के साथ हम सबको सम-विषम परिस्थितियों से लड़ने की एक नई प्रेरणा देता है. दूसरा, ये मनोरंजन भी है और तीसरा अपने आप को आंकलन करने का अवसर भी प्रदान करता है. अक्सर हम सार्वजनिक जीवन में बड़ी-बड़ी डींगें हांकते हैं, लेकिन जब फैसला मैदान में हो तो सही आकलन हो सकता है. यह आकलन हमारी क्षमताओं के बारे में, शारीरिक और मानसिक क्षमता के बारे में जानने का अवसर देता है. उन्होंने कहा आज ओलंपिक हो या पैरालंपिक गेम्स, एशियाड हो या कॉमनवेल्थ गेम्स या वर्ल्ड चैंपियनशिप, इन सभी प्रतियोगिताओं में बहुत अच्छा प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. साथ ही जमीनी स्तर के खिलाड़ियों को इसमें आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है. 

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खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर रही सरकार 

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हमने ओलंपिक और पैरालंपिक्स में जिन खिलाड़ियों ने भागीदारी की, देश के लिए मेडल जीते, उन सभी को गत सप्ताह ही भव्य समारोह में सम्मानित किया. आज प्रदेश का कोई खिलाड़ी यदि एकल गेम में ओलंपिक स्वर्ण पदक प्राप्त करता है तो हम उसे 6 करोड़ रुपये की राशि प्रदान करते हैं. अगर रजत प्राप्त करता है तो उसे 3 करोड़ की राशि प्रदान करते हैं. वहीं, अगर कोई कांस्य पदक जीतता है तो एक करोड़ रुपये की राशि उसे प्रदान की जाती है. टीम गेम में यह राशि 3 करोड़, डेढ़ करोड़ और 75 लाख रुपये है.  

प्रदेश में खिलाड़ियों को मिल रही सीधी नियुक्ति 

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेडल जीतने पर प्रोत्साहन के साथ ही हमने खिलाड़ियों के लिए सर्विस में स्पेशल व्यवस्था की है. गत वर्ष 2020 के टोक्यो ओलंपिक में हॉकी का कांस्य पदक जीतने पर टीम के सदस्य और उत्तर प्रदेश के खिलाड़ी ललित उपाध्याय को सीधे प्रदेश पुलिस में डिप्टी एसपी के पद पर नियुक्ति दी. इस बार हम राजकुमार पाल को भी सीधे नियुक्ति देने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतने वाली एथलीट पारुल चौधरी को भी हमने डिप्टी एसपी नियुक्त किया है. अब तक प्रदेश सरकार ने 500 खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति दी है.  

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महिला अधिवक्ता टीम को भी मिले स्थान 

सीएम ने कहा कि अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए सरकार ने बहुत सारी घोषणाएं की हैं. इसमें अधिवक्ता कल्याण निधि की राशि को बढ़ाना भी शामिल है. प्रदेश में इसका कॉर्पस फंड ही 500 करोड़ रुपये का बना दिया है. अधिवक्ता की असमय मृत्यु पर उसके परिजनों को दी जाने वाली डेढ़ लाख की राशि को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया है. अब तक हम 134 करोड़ रुपये अधिवक्ता कल्याण राशि से दिवंगत अधिवक्ताओं के परिजनों को वितरित कर चुके हैं. इसमें अधिकतम आयु की सीमा को भी 60 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष कर दिया है. उन्होंने अपील की कि अगली बार इस प्रतियोगिता में महिला एडवोकेटों की टीम भी इस आयोजन का हिस्सा बननी चाहिए, क्योंकि महिलाएं हर क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही हैं. 

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