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अलीगढ़ में सड़क पर शर्मनाक तमाशा, छात्र से जबरन कराया पाकिस्तानी झंडे पर पेशाब, वीडियो वायरल

ये सिर्फ एक झंडे की कहानी नहीं है. ये उस समाज की कहानी है, जहां भावना के नाम पर हिंसा को जायज ठहराया जा रहा है. क्या हम वाकई कानून में विश्वास रखते हैं, या अब फैसले सड़कों पर भीड़ सुनाती है?

अलीगढ़ में सड़क पर शर्मनाक तमाशा, छात्र से जबरन कराया पाकिस्तानी झंडे पर पेशाब, वीडियो वायरल
हाथ जोड़ कर माफी मांगता रहा छात्र, पुलिस के सामने भीड़ करती रही ज्यादती.

Aligarh Viral Video: एक झंडा...जो सड़क पर पड़ा था...एक स्कूली छात्र आया, उसने झंडे को उठाया..और जो हुआ, उसने पूरे देश को चौंका दिया. मामला यूपी के अलीगढ़ का है. और ये झंडा है पाकिस्तान का. बताया जा रहा है कि ये छात्र अपने दोस्तों के साथ जा रहा था. रास्ते में पाकिस्तानी झंडा सड़क पर गिरा था. तभी एक दोस्त ने कहा कि ये झंडा क्यों पड़ा है? हटा दे. छात्र ने झंडा उठाने की कोशिश की. और वहीं से शुरू हुई उसकी परेशानी. 

छात्र माफी मांगता रहा, लेकिन लोग माने नहीं 

इसी दौरान वहां मौजूद हिंदूवादी संगठन के कुछ कार्यकर्ताओं ने छात्र को पकड़ लिया. छात्र पर आरोप लगे कि वो झंडे की ‘हिफाजत' कर रहा है. लेकिन ये मामला यहां शांत नहीं हुआ. छात्र माफी मांगता रहा, रोता रहा. लेकिन भीड़ का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा था.

गुस्साई भीड़ ने छात्र से झंडे पर पेशाब करवाया

गुस्साई भीड़ ने छात्र पर दबाव बनाकर झंडे में कील ठुकवाई और झंडे पर पेशाब भी कराया. भीड़ का नेतृत्व कर रहे कुछ लोगों ने छात्र को आतंकवादी तक कहा. ये सब सिर्फ इसलिए. क्योंकि उसने झंडा सड़क से हटाया? किसी ने घटना का वीडियो बनाया, और जब वो इंटरनेट पर आया तो उसे देशकर पूरा देश सन्न रह गया.

लोग बोले- देशभक्ति के नाम पर पागलपन

वीडियो के वायरल होने के बाद लोगों में रोष है. एक तरफ लोग कह रहे हैं कि ‘देशभक्ति' के नाम पर ये पागलपन है, लेकिन दूसरी तरफ कुछ इसे सही ठहराने की कोशिश भी कर रहे हैं. पुलिस कहती है जांच चल रही है. लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

पुलिस घटना की कर रही जांच

पुलिस का कहना है कि घटना की जांच की जा रही है. अभी तक किसी के खिलाफ औपचारिक FIR दर्ज नहीं हुई है, लेकिन वायरल वीडियो के आधार पर कार्रवाई तय मानी जा रही है. फिलहाल घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है. पुलिस प्रशासन ने क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके.

ये सिर्फ एक झंडे की कहानी नहीं

ये सिर्फ एक झंडे की कहानी नहीं है. ये उस समाज की कहानी है, जहां भावना के नाम पर हिंसा को जायज ठहराया जा रहा है. सोचिए..अगर इस छात्र ने झंडा न उठाया होता, तो क्या ये बच्चा सुरक्षित होता? क्या अगर किसी और ने उठाया होता, तो क्या भीड़ तब भी यही करती? क्या हम वाकई कानून में विश्वास रखते हैं, या अब फैसले सड़कों पर भीड़ सुनाती है?

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