- उत्तर प्रदेश में एसआईआर प्रक्रिया चार नवंबर से शुरू होकर अब तक नब्बे फीसदी एनुमरेशन फॉर्म वितरित.
- बूथ लेवल एजेंट्स की सक्रिय भूमिका से केवल मृत या स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे.
- 4 दिसंबर तक फॉर्म भरने की प्रक्रिया के बाद नई वोटर लिस्ट जारी की जाएगी और नाम छूटने पर विकल्प उपलब्ध रहेंगे.
यूपी में चल रहे एसआईआर को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिनवा ने एनडीटीवी से बात की. निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 4 नवंबर से शुरू हुई प्रक्रिया के तहत अब तक 98 फीसदी एनुमरेशन फॉर्म्स वितरित कर दिए गए हैं. बचे हुए दो फीसदी फॉर्म्स भी जल्द बांट दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में बूथ लेवल ऑफिसर के अलावा बड़ी भूमिका राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट्स की और वोटर्स की होगी.
बूथ लेवल एजेंट्स की बड़ी भूमिका
उन्होंने बताया कि बूथ लेवल एजेंट्स की सक्रियता से सिर्फ उन लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाएंगे जिनकी मृत्यु हो चुकी है या तो परमानेंटली शिफ्ट हो चुके हैं या जिनके नाम एक से ज्यादा जगह हैं. उन्होंने बताया कि 4 दिसंबर को फॉर्म्स भरने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद वोटर लिस्ट जारी की जाएगी. इसमें अगर किसी का नाम छूट जाता है तो उनके बाद भी विकल्प दिए जाएंगे.
ऑनलाइन भी हो सकेगी प्रक्रिया
रिनवा ने बताया कि ऑनलाइन भी इस पूरी प्रक्रिया के लिए विकल्प दिया गया है. ऐसे में चुनाव आयोग की वेबसाइट या ऐप के जरिए वोटर अपना नाम चेक कर सकते हैं. नवदीप रिनवा ने वोटर्स के साथ साथ राजनैतिक दलों के बीएलए से बीएलओ को मदद करने की अपील की. उन्होंने बताया कि बीजेपी, सपा और बीएसपी ने सभी जिलों में अपने बीएलए मुहैया कराए हैं. कांग्रेस, अपना दल समेत कुछ दलों में कहीं कहीं अपने बीएलए को इस काम में लगाया है.
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