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13 हजार ट्रेनें, 20 लाख टिकट देने की व्यवस्था... महाकुंभ को लेकर ये है रेलवे की तैयारी

Mahakumbh: जनवरी 2025 में दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ की शुरुआत होने जा रही है. धार्मिक मेले में करोड़ों श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, जिसमें से 2 करोड़ लोग रेल यात्रा के जरिए प्रयागराज पहुंचेंगे. ऐसे में रेलवे ने भी खास तैयारियां की हैं.

13 हजार ट्रेनें, 20 लाख टिकट देने की व्यवस्था... महाकुंभ को लेकर ये है रेलवे की तैयारी
कुंभ की जानकारी को लेकर 'महाकुंभ रेल सेवा वेबसाइट' और 'महाकुंभ रेल सेवा ऐप' बनाए गए हैं.
प्रयागराज:

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जनवरी 2025 में दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ की शुरुआत होने जा रही है. धार्मिक जलसे में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, जिसमें से 2 करोड़ लोग रेल यात्रा के जरिए प्रयागराज पहुंचेंगे. महाकुंभ को लेकर रेलवे ने भी अपनी कमर कस ली है और श्रद्धालुओं के लिए कई विशेष इंतजाम किए हैं. 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ में आस्था का महाजुटान होगा, करोड़ों लोग प्रयागराज आएंगे. यात्रियों की सुविधा के लिए भारतीय रेलवे 13 हजार से अधिक ट्रेनें चलाएगा, जिनमें 3,000 स्पेशल रेल गाड़ियां होंगी. इसमें 50% कम दूरी की, कुछ लंबी दूरी की और कुछ रिंग रेल गाड़ियां शामिल हैं.

महाकुंभ के लिए 13000 ट्रेन की व्यवस्था की गई है. गरीबों और मध्यम वर्गी परिवार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बहुत फोकस्ड तरीके से रेलवे का काम चल रहा है.

अश्विनी वैष्णव

रेल मंत्री

5 लाख यात्री रोजाना ट्रेन से पहुंचेंगे प्रयागराज

रेलवे का अनुमान है कि 5 लाख यात्री प्रतिदिन ट्रेन से सफर करेंगे. ऐसे में प्रयागराज के 9 स्टेशनों प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, प्रयागराज छिवकी, प्रयागराज रामबाग, प्रयागराज संगम, प्रयाग जंक्शन, झूंसी, नैनी और फाफामऊ का आधुनिक तरीके विकास किया गया है. स्टेशनों पर यात्री आश्रय सेट बनाये हैं, जहां टिकट, खाने-पीने, चिकित्सा आदि की सहूलियतें होंगी. इन यात्री आश्रयों में एक लाख दस हज़ार लोग ठहर सकते हैं. इसके अलावा रेलवे ने सभी स्टेशनों से मिलाकर प्रतिदिन 20 लाख टिकट देने की व्यवस्था की है.

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महाकुंभ आने वाले यात्रियों को मिलेगी ये सुविधाएं

उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ शशि कांत त्रिपाठी ने बताया, 'यात्रियों की सुविधाओं को लेकर बहुत सारे कार्य किए जा रहे हैं. महाकुंभ के दौरान बहुत सारे श्रद्धालु आएंगे, उन्हें किसी तरह की असुविधा न हो हम सुविधा के साथ उनके गंतव्य तक उन्हें पहुंच सकें. इसके लिए हम लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत के साथ यात्री आश्चर्य सेट, सर्कुलेटिंग एरिया का विकास, सेकंड एंट्री का डेवलपमेंट, टिकटिंग की सुविधा, वॉशरूम, पार्किंग एरिया को डेवलप करना, बहुत सारे नये सीसीटीवी का इंस्टॉलमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर की लिहाज से हम बहुत सारे ROB और RUB का निर्माण कर रहे हैं, ताकि जो लोग यहां आए वह सुविधा के साथ आस्था के संगम में डुबकी लगा सकें.

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...ताकि श्रद्धालुओं को न हो कोई असुविधा

  • कुंभ की जानकारी को लेकर 'महाकुंभ रेल सेवा वेबसाइट' और 'महाकुंभ रेल सेवा ऐप' बनाए गए हैं.
  • स्टेशनों में वेटिंग हॉल और वेटिंग रूम बनाये गए हैं.
  • स्लीपिंग पॉड्स, रिटायरिंग रूम/ डॉरमेट्री, एग्जीक्यूटिव लाउंज, दिव्यांगों और वृद्धजनों के लिए बैटरी संचालित कार, और व्हीलचेयर की सुविधा दी गई है.
  • स्टेशन पर खाने-पीने के लिए कैटरिंग की सुविधा, फर्स्ट एड बॉक्स, यात्री सुविधा केंद्र, टूरिस्ट बूथ, प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र और क्लॉक रूम बनाये गए हैं.
  • अनारक्षित टिकट बुक करने के लिए 96 मोबाइल UTS की सुविधा दी गई है.
  • बड़ी संख्या में ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीनों की सुविधा दी गई है.
  • क्‍यूआर (QR) बेस्ड टिकट पेमेंट की सुविधा दी गई है. डिजिटल साइनबोर्ड लगाए गए हैं.
  • टच स्क्रीन कियौस्क, टोल फ्री नंबर के अलावा 15 से अधिक भाषाओं में रेलवे सूचना देगा.
  • विभिन्न स्टेशनों पर एंट्री और एग्जिट प्वाइंट अलग-अलग बनाए हैं. 
  • एक महाकुंभ वार रूम की भी स्थापना की गई है, जहां से सभी चीजों की एक साथ निगरानी की जाएगी.

2013 कुंभ में इलाहाबाद स्टेशन पर हुई भगदड़ से सबक  

साल 2013 के कुंभ में प्रयागराज के इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 42 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 45 लोग घायल हुए थे. तब रेलवे के इंतज़ाम पर सवाल खड़े हुए थे. इस बार रेलवे अपनी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ रहा. उस दौरान रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे. ऐसे में रेलवे ने अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के लिए 2 साल में महाकुंभ की तैयारी को लेकर 5000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं. इसमें यात्री सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है. रेलवे ने 8000 अतिरिक्त स्टाफ की भी दूसरे डिवीजन से तैनाती की है.

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2019 अर्धकुंभ के सफल आयोजन के बाद रेलवे के सामने बड़ी चुनौती 2025 महाकुंभ को अच्छे से निपटाने की है. रेलवे ने महाकुंभ को लेकर करोड़ों रुपये का बजट खर्च किया है और बड़े-बड़े दावे भी किए हैं. लेकिन उसके सामने सबसे बड़ा संकट क्राउड मैनेजमेंट को लेकर है. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि रेलवे इस बार इस चुनौती से कैसे पार पाता है.

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