
एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के झलवा इलाके में रहने वाले गुड्डू पाल ने अपनी कार पर बम से हमले का दावा कर सनसनी फैला दी. उन्होंने आरोप लगाया कि शुक्रवार रात कुछ अज्ञात लोगों ने उनकी कार पर बम फेंककर हमला किया. गुड्डू पाल ने खुद को 2005 में हुए चर्चित राजू पाल हत्याकांड का गवाह भी बताया.
हालांकि, पुलिस जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. एडिशनल डीसीपी पुष्कर वर्मा के अनुसार, यह घटना पूरी तरह से झूठी और साजिशन रची गई थी. जांच में सामने आया कि गुड्डू पाल ने अपने बेटे नितिन पाल और उसके दो साथियों के साथ मिलकर खुद पर हमला कराने की योजना बनाई थी. इसका उद्देश्य पूर्व मित्र वीरेंद्र को फंसाकर जेल भिजवाना था.
पुलिस ने बताया कि गुड्डू पाल का आपराधिक इतिहास रहा है. उनके खिलाफ तेल चोरी के कई मामले दर्ज हैं और उन्होंने पहले भी वीरेंद्र पर जान से मारने की धमकी देने की शिकायत दी थी. इस दौरान गुड्डू पाल ने अवैध तमंचे से फायरिंग भी की थी.
गुड्डू पाल ने दावा किया था कि जब वह पान खाने के लिए बाहर निकले थे, तभी दो बाइक सवारों ने उनकी कार पर बम फेंका. पुलिस ने उनकी शिकायत पर तीन लोगों को हिरासत में लिया, लेकिन जांच में पाया गया कि यह हमला पूर्व नियोजित था और गुड्डू पाल ने खुद ही इसे अंजाम दिलवाया.
पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि गुड्डू पाल का राजू पाल हत्याकांड से कोई संबंध नहीं है, और वह इस मामले का गवाह नहीं है. इस झूठी घटना के खुलासे के लिए पुलिस ने पांच टीमों का गठन किया है और जल्द ही पूरे मामले का वर्कआउट किया जाएगा.
गौरतलब है कि 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिससे प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई थी. वर्तमान में उनकी पत्नी पूजा पाल कौशांबी के चायल से विधायक हैं, हालांकि हाल ही में उन्हें समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.
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