एडीएम से विवाद के बाद एससी-एसटी एक्ट में रिटायर्ड कर्नल को जाना पड़ा जेल. (फाइल फोटो)
- निलंबित एडीएम के बचाव में उतरा पीसीएस संघ
- नोएडा के डीएम और एसएसपी पर लगाया पक्षपात का आरोप
- अवैध निर्माण को लेकर हुए विवाद में कर्नल को जेल भिजवाने का मामला
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नई दिल्ली:
नोएडा में रिटायर्ड कर्नल पर एससी-एसटी एक्ट में कार्रवाई के मामले में निलंबित एडीएम हरीशचंद्र के बचाव में पीसीएस एसोसिएशन उतरा है.संगठन ने मुख्यमंत्री से मुलाकात का वक्त भी मांगा है. इस मसले को लेकर संघ ने लखनऊ में अहम बैठक बुलाई है. अध्यक्ष उमेश प्रताप सिंह, महासचिव पवन कुमार गंगवार ने एडीएम के खिलाफ कार्रवाई को एकतरफा करार देते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है.
डीएम-एसएसपी पर उठाए सवाल- मुख्य सचिव को भेजे पत्र में पीसीएस एसोसिएशन ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए एडीएम हरीशचंद्र के खिलाफ धारा-307 के तहत कार्रवाई को दमनात्मक करार दिया है. कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि इस घटना में डीएम बृजेश नारायण सिंह व एसएसपी निष्पक्षता से कार्य नहीं कर रहे हैं. अफसर दबाव में आर अफसर के खिलाफ गलत तरीके से आइपीसी की धारा 307 के तहत कार्रवाई कर रहे हैं. पीसीएस संघ ने इसे पक्षपातपूर्ण कार्रवाई बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है. साथ ही स्थानीय पुलिस प्रशासन की भूमिका लचर बताई है.
नोएडा : एडीएम की पत्नी ने लगाया छेड़छाड़ का फर्जी आरोप, पुलिस ने सेना के रिटायर्ड कर्नल को भेजा जेल
एडीएम का पक्षः पीसीएस एसोसिएशन ने एडीएम का पक्ष रखते हुए कहा है कि हरीशचंद्र का परिवार फ्लैट नं. 644 सेक्टर 29 में रहता है वहीं नीचे फ्लैट नंबर 645 में रिटायर्ड कर्नल वीरेंद्र सिंह चौहान रहते हैं। एडीएम का आरोप है कि कर्नल काफी समय से एडीएम की पत्नी को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर गाली-गलौज करते थे। 14 अगस्त को सार्वजनिक पार्क में कई महिलाओं की मौजूदगी में कर्नल ने अभद्र व्यवहार किया तो मंजुला धर नामक महिला ने सौ नंबर डायल कर पुलिस बुला ली. जिसके बाद पुलिस ने कर्नल को हिरासत में ले लिया. वहीं चार दिनों बाद वीरेंद्र सिंह चौहान ने 18 अगस्त को एडीएम और उनकी पत्नी सहित अन्य लोगों पर केस दर्ज कराया.
वीडियो-सिटी सेंटर : शत्रुघ्न को काले झंडे, अवैध निर्माण पर ADM सस्पेंड
डीएम-एसएसपी पर उठाए सवाल- मुख्य सचिव को भेजे पत्र में पीसीएस एसोसिएशन ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए एडीएम हरीशचंद्र के खिलाफ धारा-307 के तहत कार्रवाई को दमनात्मक करार दिया है. कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि इस घटना में डीएम बृजेश नारायण सिंह व एसएसपी निष्पक्षता से कार्य नहीं कर रहे हैं. अफसर दबाव में आर अफसर के खिलाफ गलत तरीके से आइपीसी की धारा 307 के तहत कार्रवाई कर रहे हैं. पीसीएस संघ ने इसे पक्षपातपूर्ण कार्रवाई बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है. साथ ही स्थानीय पुलिस प्रशासन की भूमिका लचर बताई है.
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एडीएम का पक्षः पीसीएस एसोसिएशन ने एडीएम का पक्ष रखते हुए कहा है कि हरीशचंद्र का परिवार फ्लैट नं. 644 सेक्टर 29 में रहता है वहीं नीचे फ्लैट नंबर 645 में रिटायर्ड कर्नल वीरेंद्र सिंह चौहान रहते हैं। एडीएम का आरोप है कि कर्नल काफी समय से एडीएम की पत्नी को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर गाली-गलौज करते थे। 14 अगस्त को सार्वजनिक पार्क में कई महिलाओं की मौजूदगी में कर्नल ने अभद्र व्यवहार किया तो मंजुला धर नामक महिला ने सौ नंबर डायल कर पुलिस बुला ली. जिसके बाद पुलिस ने कर्नल को हिरासत में ले लिया. वहीं चार दिनों बाद वीरेंद्र सिंह चौहान ने 18 अगस्त को एडीएम और उनकी पत्नी सहित अन्य लोगों पर केस दर्ज कराया.
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