
- सौरभ हत्याकांड की आरोपी मुस्कान ने करवा चौथ का व्रत रखने से इनकार कर अहोई अष्टमी का व्रत रखने का फैसला किया
- मुस्कान अपने गर्भ में पल रहे बच्चे की लंबी आयु, अच्छी सेहत और सुरक्षा के लिए अहोई अष्टमी का व्रत रखेगी
- जेल प्रशासन की जानकारी के अनुसार मुस्कान साढ़े छह माह की गर्भवती है और नियमित चिकित्सकीय जांच कराई जा रही है
चर्चित सौरभ हत्याकांड में जेल में बंद मुख्य आरोपी मुस्कान, जिसने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया था, एक हैरान करने वाले फैसले के कारण सुर्खियों में है. मुस्कान ने इस बार अपने प्रेमी साहिल के लिए करवा चौथ का व्रत रखने से इनकार कर दिया है. हालांकि, जेल प्रशासन को दी गई लिस्ट में उसने अहोई अष्टमी का व्रत रखने की तैयारी कर ली है. यह व्रत वह अपने गर्भ में पल रहे बच्चे की लंबी उम्र, अच्छी सेहत और सुरक्षा के लिए रखना चाहती है. वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने इस पूरे मामले पर खास बातचीत में पुष्टि की.
करवा चौथ नहीं, अहोई अष्टमी का व्रत
जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया, "कारागार में जो भी महिलाएं होती हैं, वे सभी प्रकार के धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं. इसी के तहत, हमने करवा चौथ और अहोई अष्टमी के लिए व्रत रखने वाली महिलाओं की सूची मांगी थी. मुस्कान ने अपना नाम अहोई अष्टमी के लिए दिया है, करवा चौथ के लिए नहीं." उन्होंने स्पष्ट किया कि मुस्कान यह व्रत अपने होने वाले बच्चे की अच्छी आयु और सुरक्षा के लिए रखना चाहती है.
जेल मैनुअल और धार्मिक स्वतंत्रता
जेल मैनुअल के नियमों के बारे में बताते हुए शर्मा जी ने कहा, "जेल मैनुअल कहता है कि यदि कोई भी महिला व्रत रखना चाहती है, तो वह पूर्ण रूप से स्वतंत्र है. चाहे उसका पति या प्रेमी अंदर हो या बाहर, उसे सभी प्रकार के धार्मिक आयोजन, उपवास और व्रत रखने की अनुमति है." प्रेमी साहिल की तरफ से किसी सामान की मांग पर उन्होंने बताया कि साहिल ने ऐसी कोई डिमांड नहीं की. कारागार प्रशासन, एनजीओ के सहयोग से सभी महिलाओं को त्यौहार से संबंधित श्रृंगार, चूड़ी, बिंदी और व्रत का सामान उपलब्ध कराता है.
ड्रग्स से अध्यात्म तक का सफर
मुस्कान के जीवन में आए बदलाव पर जेल अधीक्षक ने एक बड़ा खुलासा किया. उन्होंने बताया कि शुरुआत में मुस्कान और साहिल दोनों ड्रग्स के आदी थे. "जब से उनका ड्रग्स छूटा है, और प्रेगनेंसी की जानकारी मिली है, उसके जीवन में एक बड़ा परिवर्तन आया है. वह अपना अधिकतम समय धार्मिक अनुष्ठानों में बिताती है. सुंदरकांड का पाठ प्रतिदिन होता है और शाम को होने वाले भजन-संध्या में वह सक्रिय रूप से भाग लेती है. हाल ही में हुए नवरात्रि व्रत में भी उसने पूरा समय धार्मिक कार्यों में लगाया."
साढ़े छह माह की गर्भवती, कोई मिलने नहीं आया
वीरेश राज शर्मा ने बताया कि मुस्कान लगभग साढ़े छह से पौने सात महीने की गर्भवती है. एसओपी के तहत, बाहर से लेडीज डॉक्टर (गायनेकोलॉजिस्ट) 15 दिन में एक बार आती हैं और उसकी नियमित जांच करती हैं. अल्ट्रासाउंड की आवश्यकता होने पर बाहर के अस्पतालों में भी कराया जाता है. एक और चौंकाने वाली बात सामने आई कि जब से मुस्कान जेल में बंद है, उसके घर या बाहर से कोई भी उससे मिलने नहीं आया है. जिला विधिक सेवा माध्यम से उसे कानूनी सहायता उपलब्ध कराई गई है. वहीं, साहिल से मिलने उसकी नानी और भाई नियमित रूप से आते हैं. यह पूरा मामला जेल की सलाखों के पीछे एक आरोपी महिला के जीवन में आए व्यक्तिगत और भावनात्मक बदलाव को दर्शाता है, जिसने अपने प्रेमी के लिए व्रत न रखकर, अपने अजन्मे बच्चे के लिए अपनी आस्था समर्पित की है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं