
मुस्लिम महिलाओं के लिए अभिशाप बन चुके ट्रिपल तलाक को कानूनी तौर पर भले खत्म कर दिया गया हो लेकिन उस रूढ़िवादी परंपरा को अभी भी कुछ लोग ढो रहे हैं. कुछ ऐसा ही हुआ यूपी के मेरठ में जहां सड़क पर तलाक दिए जाने का एक वीडियो वायरल हो रहा है, वो भी थाने के ठीक सामने. दरअसल, पति पत्नी में चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुलाया था. इसी समझौता मीटिंग के दौरान पति ने थाने के बाहर आकर पत्नी को 3 बार तलाक बोला और इसकी वीडियो भी बनाई गई. पुलिस अब इस वीडियो का संज्ञान ले रही है.
ये वीडियो है तलाक की उस रस्म अदायगी का, जो 9 मार्च को मेरठ के थाना लिसाड़ी गेट के सामने सड़क पर अदा की गई. बुलंदशहर निवासी उवैस ने अपनी पत्नी गुलिस्तां को इत्मीनान से 3 बार तलाक बोला और पति पत्नी का रिश्ता तोड़ दिया. मेरठ निवासी गुलिस्तां का निकाह 24 अप्रैल 2024 को बुलंदशहर निवासी उवैस से हुआ था, निकाह के बाद उवैस जॉब करने दुबई चला गया और उसने गुलिस्तां को तवज्जो देनी कम कर दी. जिससे दोनों पक्षों में विवाद रहने लगा. पिछले दिनों उवैस भारत आया और अपनी पत्नी को लेने मेरठ में अपनी ससुराल पहुंचा लेकिन बातचीत के दौरान विवाद भड़क गया और मामला थाने तक जा पहुंचा.
मेरठ के थाना लिसाड़ी गेट पुलिस ने उवैस को हिरासत में तो ले लिया, मगर दो पक्षों को बातचीत से मामला सुलझाने के अवसर दिए गए. कई घंटे की मशक्कत के बाद दोनों पक्षों में समझौता भी हुआ और सहमति भी बनी मगर तलाक पर. दरअसल, गुलिस्तां के परिजन चाहते थे कि या तो उवैस दुबई की जॉब छोड़कर भारत में गुलिस्तां के साथ रहे, या गुलिस्तां को भी अपने साथ दुबई ले जाए. मगर उवैस को ये दोनों ही शर्तें मंजूर नहीं थी. इसलिए दोनों पक्षों ने सहमति से पति पत्नी का रिश्ता खत्म करने का निर्णय ले लिया. अब वक्त आया 3 बार तलाक बोलने की रस्म अदायगी का तो इस काम के लिए पुलिस वालों ने दोनो पक्षों को थाने के बाहर भेज दिया. थाने के बाहर आकर सड़क पर दोनों पक्षों की मौजूदगी में उवैस ने गुलिस्तां को बाकायदा तलाक दिया, सबूत के तौर तलाक की इस रस्म अदायगी की वीडियोग्राफी भी की गई.
दोनों पक्षों में समझौते के बाद भी थाना लिसाड़ी गेट पुलिस ने उवैस का शांतिभंग की धारा में चालान काटा और बाद में उवैस को जमानत भी मिल गई. थाना परिसर में हुई समझौता वार्ता और तलाक के फैंसले में पुलिस ने अपने दामन को बेदाग रखने में पूरी सावधानी बरती, थाने के सामने सड़क पर हुए तलाक की वीडियोग्राफी की पुलिस को भनक तक नहीं लगी, जो बाद में वायरल हो गई. अब पुलिस अधिकारी, जांच और कार्यवाही की बात कह रहे हैं.
गुलिस्तां के भाई शावेज अंसारी ने फोन पर NDTV को बताया कि तलाक का ये फैसला उनकी सहमति से ही हुआ है और उनका परिवार उवैस के खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही करने में इच्छुक नहीं है. समझौते में तय हुआ है कि दोनों पक्षों के द्वारा, निकाह में दिए गए समान, जैसे फर्नीचर, जेवरात, कपड़े आदि, एक दूसरे को लौटा देंगे. निकाह में तय की गई मेहर की राशि 25 हजार रुपए भी उवैस पक्ष की तरफ से गुलिस्तां को दी गई है, जिसके साथ ही गुलिस्तां इद्दत में बैठ गई है. तलाक पर बने, कठोर कानून के अनुसार यदि लड़की पक्ष की सहमति ना हो तो 3 तलाक देना अपराध है, हालांकि दोनों पक्षों की सहमति से मुस्लिम समाज में 3 तलाक अब भी बदस्तूर जारी है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं