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मेरठ: कभी "स्पाइडर मैन" को थाने में बैठा देखा है, नहीं? तो देख लीजिए

आज के समय में सोशल मीडिया पर फेमस होने के लिए लोग कुछ भी कर जाते हैं. दिल्ली मेट्रो तो आए दिन 'एक्स' पर इसी बात के लिए ट्रेंड करती रहती है. अ

मेरठ: कभी "स्पाइडर मैन" को थाने में बैठा देखा है, नहीं? तो देख लीजिए

आपने स्पाइडरमैन को रुपहले पर्दे पर करतब करते देखा होगा, लेकिन शायद ही आपने रियल लाइफ में कभी स्पाइडरमैन की कल्पना की होगी, अगर नहीं की है तो अब कर लीजिए, क्योंकि मेरठ में एक स्पाइडरमैन मिला है. जनाब स्पाइडरमैन की ड्रेस पहनकर निकले थे सोशल मीडिया पर हीरो बनने के लिए, सोचा था लाखों में व्यूज़ मिलेंगे, लेकिन मेरठ की एतिहासिक धरोहर घंटाघर पर करतब करना कुछ लोगों को चुभ गया. बस फिर क्या था पुलिस को एक्शन लेना पड़ा और गिरफ्तार कर लिया गया.

व्यूज के लिए चुना अलग तरीका

दरअसल मामला मेरठ के घंटाघर का है. फराज मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना इलाके के अबरार नगर के रहने वाले हैं. इन्हें रील बनाने का शौक है. इस बार सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए फराज ने कुछ अगर आइडिया सोचा. इसलिए पहले स्पाइडरमैन की ड्रेस खरीदी और फिर ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल घंटाघर पर चढ़कर खूब करतब किए. एक छत से भी करतब करके घंटाघर की ब्रेकफाउंड ली गई, यहां भी मन नहीं भरा तो फिर शहर की सड़कों पर उछल कूद करते नजर आए.

पुलिस ने थाने से दी जमानत

वीडियो अपलोड करने के बाद व्यूज बढ़ने ही शुरू हुए थे कि पुलिस घर पहुंच गई और थाने ले आई. दरअसल फराज की शिकायत पुलिस से कुछ लोगों ने की थी और इसे ऐतिहासिक धरोहर का अपमान बताते हुए कार्यवाही की मांग की थी. हालांकि फराज को पुलिस ने 41 ए का नोटिस देकर थाने से ही जमानत दे दी.

रील्स के चक्कर में लोग कर रहे ऐसी हरकतें

आज के समय में सोशल मीडिया पर फेमस होने के लिए लोग कुछ भी कर जाते हैं. दिल्ली मेट्रो तो आए दिन 'एक्स' पर इसी बात के लिए ट्रेंड करती रहती है. अपना हुनर दिखाना एक अच्छी बात है पर लोगों को ये समझना चाहिए कि कोई भी ऐसी हरकत ना की जाए, जिससे समाज को नुकसान हो.

(सनुज शर्मा की रिपोर्ट...)

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