नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में भी हिंसा हुई थी और इसमें एक शख्स की मौत हो गई थी. यूपी पुलिस (UP Police) ने कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया और आरोपियों से ही सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई का फरमान सुनाया. लखनऊ प्रशासन और पुलिस ने 53 आरोपियों के नाम, तस्वीर और पते दर्ज किए गए होर्डिंग शहर में लगा दिए. इसमें पूर्व आईपीएस अफसर एस.आर. दारापुरी (SR Darapuri), सामाजिक कार्यकर्ता और अभिनेत्री सदफ जफर (Sadaf Zafar) समेत कई सम्मानित लोगों के नाम हैं. दारापुरी ने कहा कि ऐसा कर सरकार ने हमारी जिंदगी को खतरे में डाल दिया है.
CAA का विरोध करने वालों में एसआर दारापुरी का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा है. उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा होर्डिंग मामले का स्वतः संज्ञान लेने का स्वागत किया है. दारापुरी ने कहा कि शहर में होर्डिंग लगाया जाना हमारी निजता, सम्मान और नागरिकों की आजादी के अधिकार का हनन है. उन्होंने कहा, 'इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा की गई कार्यवाही का मैं स्वागत करता हूं. जिस तरह का व्यवहार राज्य सरकार कर रही है और हमारे होर्डिंग लगा रही है, न्यायपालिका द्वारा इसका संज्ञान लिया जाना एक स्वागत योग्य कदम है.'
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उन्होंने आगे कहा, 'हमारे केस में हमारी फोटोग्राफ ली गई है. मुझे नहीं पता तस्वीरें कहां से ली गई हैं. ये गैरकानूनी है और उन्होंने इसे होर्डिंग्स पर लगा दिया. ये हमारी निजता का उल्लंघन है और इससे हमारी जिंदगी और हमारी स्वतंत्रता को खतरा है. मैं इसके लिए राज्य को जिम्मेदार मानता हूं.'
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बताते चलें कि आज (सोमवार) इलाहाबाद हाईकोर्ट होर्डिंग मामले में अपना फैसला सुनाएगी. रविवार को छुट्टी वाले दिन हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने सुनवाई की थी. वरिष्ठ वकील केके राय ने बताया कि चीफ जस्टिस ने इस मामले में सख्त टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था, 'इस तरह किसी की तस्वीर लगाकर आप उसकी निजता, सम्मान और आजादी को ठेस पहुंचा रहे हैं और ये गैरकानूनी है. इससे पहले कि महाधिवक्ता आएं, बेहतर होगा कि सरकार इसे सुधारने का काम करे.'
मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो इन होर्डिंग्स को सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के निर्देश के बाद वहां लगाया गया है. मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों की ओर से जानकारी दी गई कि जनहित को ध्यान में रखते हुए सभी नियमों के तहत यह होर्डिंग्स वहां लगाए गए हैं. होर्डिंग्स लगाए जाने को लेकर किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया गया है. इन होर्डिंग्स में एस.आर. दारापुरी और सदफ जफर के अलावा वकील मोहम्मद शोएब, थिएटर आर्टिस्ट दीपक कबीर समेत शहर के कई सम्मानित लोगों के नाम, तस्वीरें और पते दर्ज हैं. सभी लोग जमानत पर बाहर हैं. CAA हिंसा मामले में सरकार की ओर से आरोपियों को भुगतान न करने पर संपत्ति जब्त किए जाने का नोटिस भी मिल चुका है. नोटिस मिलने पर उनका कहना है कि वह संपत्ति जब्त किए जाने संबंधी मामले में वह सरकार के खिलाफ अदालत में लड़ाई लड़ेंगे. सदफ जफर ने होर्डिंग मामले को लेकर NDTV से कहा, 'मैं भाग नहीं रही हूं. ये बेहद निराशाजनक है कि हमारे नाम, तस्वीरें और पते इसमें दर्ज हैं.'
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