दिल्ली की भावी मुख्यमंत्री आतिशी (Atishi) की कैबिनेट अब तय हो चुकी है. सूत्रों के अनुसार इस कैबिनेट में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की कैबिनेट के चार मंत्रियों को भी शामिल किया गया है. जिन पुराने मंत्रियों को आतिशी की नई कैबिनेट में भी जगह मिलने जा रही है, उनमें शामिल शामिल हैं सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत, गोपाल राय और इमरान हुसैन. आतिशी की नई कैबिनेट में एक नया चेहरा भी होगा. सूत्रों के अनुसार उत्तर पश्चिम दिल्ली के सुल्तानपुर माजरा के विधायक मुकेश अहलावत भी मंत्री बनेंगे.
17 सितंबर को केजरीवाल ने दिया था इस्तीफा
आपको बता दें कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद अब आतिशी 21 सितंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी. केजरीवाल ने 17 सितंबर की शाम को उपराज्यपाल विनय सक्सेना को CM पद से इस्तीफा सौंपा था. उनके साथ आतिशी और 4 मंत्री मौजूद थे. इसके बाद आतिशी को विधायक दल का नेता चुना गया. फिर उन्होंने नई सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया. उपराज्यपाल से शपथ ग्रहण की तारीख तय करने की भी मांग की है. दिल्ली सरकार ने 26 और 27 सितंबर को 2 दिन का विधानसभा सत्र बुलाया है.
आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी. इससे पहले BJP की सुषमा स्वराज पहली सीएम बनी थीं. हालांकि, उनका कार्यकाल 52 दिन का रहा था. इसके बाद कांग्रेस की सरकार में शीला दीक्षित सीएम बनीं. शीला दीक्षित लगातार 3 बार CM रह चुकी हैं. उनका कार्यकाल 15 साल 25 दिन का रहा.
आतिशी ने की थी ये गुजारिश
दिल्ली की अगली नई मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद आतिशी ने गुजारिश ने पार्टी कार्यकर्ताओं और अपने शुभचिंतकों से खास अपील भी की थी. उन्होंन उस दौरान कहा था कि सीएम चुने जाने पर न तो उन्हें इसके लिए बधाइयां दी जाए और न ही माला पहनाया जाए. आतिशी ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केंद्र सरकार ने दुष्प्रचार किया, फर्जी आरोप लगाए.उन्हें 6 महीने जेल में रखा गया.सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें रिहा किया.कोई और व्यक्ति होता, तो वह तुरंत CM की कुर्सी पर बैठ गया होता. इससे पहले केजरीवाल ने कहा था कि मैं दिल्ली की जनता का फैसला मानूंगा.ये हमारे लिए दुख का क्षण है. दिल्ली के लोग इस बात का प्रण ले रहे हैं कि अगले चुनाव में वे केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाएंगे.
आतिशी ने कहा था कि दिल्ली आज गुस्से में है. उन्हें पता है कि केजरीवाल CM नहीं रहे तो फ्री बिजली नहीं मिलेगी. सरकारी स्कूल बदहाल हो जाएंगे. अस्पतालों में अच्छा इलाज नहीं मिलेगा. मोहल्ला क्लिनिक बंद हो जाएगी. महिलाओं की फ्री बस यात्रा, बुजुर्गों की तीर्थ यात्रा बंद हो जाएगी. उन्होंने देखा है कि 22 राज्यों में BJP की सरकार है. किसी एक में भी फ्री बिजली, बस यात्रा नहीं दे पा रहे.
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