 
                                            मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
                                                                                                                        - राज्यकर्मियों की तरह अन्य संस्थाओं में पति-पत्नी दोनों को मिलेगा एचआरए
- ई-रिक्शा पर वैट 12.5 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी करने की घोषणा
- सरकारी नौकरियों में पिछड़े वर्गो की तरह भुर्तिया जाति को भी आरक्षण
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                                                                                लखनऊ: 
                                        दिसंबर का महीना उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए तोहफों की बरसात लेकर आया है. इससे पहले कि चुनाव आयोग चुनावों की तारीखों की घोषणा करते हुए आचार संहिता लागू कर दे, मुख्यमंत्री दोनों हाथों से रोजाना प्रदेश की जनता के लिए कुछ न कुछ सौगात बांट रहे हैं.
मंगलवार को महज 4 घंटों में 50 हज़ार करोड़ से अधिक की करीब 300 योजनाओं को लॉन्च करने के बाद बुधवार को शिक्षकों व राज्यकर्मियों को खुश करने की कोशिश की गई. सरकार ने राज्यकर्मियों की भांति सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थानों, स्वायत्तशासी संस्थाओं व निगमों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मियों को अब पति-पत्नी दोनों को मकान किराया भत्ता देने का ऐलान किया है.
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया. विधानसभा का सत्र होने के कारण कैबिनेट के फैसलों की फिलहाल अधिकृत सूचना नहीं दी गई है. इन फैसलों की जानकारी विधान मंडल के दोनों सदनों को दी जाएगी.
जानकारी के मुताबिक अभी तक सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थाओं, स्वायत्तशासी संस्थाओं और निगमों में यदि पति-पत्नी दोनों कार्यरत हैं, तो सिर्फ एक को ही एचआरए का लाभ मिलता था, जबकि राज्य कर्मचारी में पति-पत्नी दोनों को इसका लाभ दिया जा रहा है. राज्यकर्मियों की तरह सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थाओं, स्वायत्तशासी संस्थाओं और निगमों के कर्मचारी भी पति-पत्नी को एचआरए देने की मांग कर रहे थे.
इसके अलावा सरकार ने कमजोर वर्ग के लिए ई-रिक्शा में राहत की सौगात दी. अखिलेश यादव ने ई-रिक्शा पर लगने वाला वैट को साढ़े 12 फीसदी से घटाकर चार फीसदी कर दिया है. बाजार में 60,000 रुपये से लेकर 80,000 रुपये के बीच ई-रिक्शा आ रहा है. सरकार के इस कदम से ई-रिक्शा 5 से लेकर 7 हज़ार रुपये तक सस्ता हो जाएगा.
सरकार ने जूनियर इंजीनियरों का भी ख्याल रखा है. सरकारी, स्वायत्तशासी और निगमों में कार्यरत अवर अभियंताओं को हर महीने 400 रुपये विशेष भत्ता दिया जाएगा.
अखिलेश सरकार ने सरकारी नौकरियों में पिछड़े वर्गो की तरह अब भुर्तिया जाति को भी आरक्षण का लाभ देने की घोषणा की है. सरकार ने उत्तर प्रदेश लोकसेवा अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण में अहीर, यादव, यदुवंशी, ग्वाला के साथ भुर्तिया जाति को भी जोड़ने का फैसला किया है.
इन के अलावा प्रदेश कैबिनेट ने मथुरा के जवाहरबाग को लोहिया पार्क की तर्ज पर विकसित करने, बुंदेलखंड में विशेष पैकेज के तहत डीज़ल पंपसेट वितरित करने, गोरखपुर में एम्स के लिए मुफ्त जमीन देने, लखनऊ विकास प्राधिकरण में 197 गांवों को शामिल करने, वृंदावन-बृजधाम सदनों की निराश्रित महिलाओं व विधावाओं को और सुविधा देने, उत्तराखंड को 37 नहरों को हस्तांतरित करने आदि को भी अपनी मंजूरी दी है.
                                                                                 
                                                                                
                                                                                                                        
                                                                                                                    
                                                                        
                                    
                                मंगलवार को महज 4 घंटों में 50 हज़ार करोड़ से अधिक की करीब 300 योजनाओं को लॉन्च करने के बाद बुधवार को शिक्षकों व राज्यकर्मियों को खुश करने की कोशिश की गई. सरकार ने राज्यकर्मियों की भांति सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थानों, स्वायत्तशासी संस्थाओं व निगमों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मियों को अब पति-पत्नी दोनों को मकान किराया भत्ता देने का ऐलान किया है.
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया. विधानसभा का सत्र होने के कारण कैबिनेट के फैसलों की फिलहाल अधिकृत सूचना नहीं दी गई है. इन फैसलों की जानकारी विधान मंडल के दोनों सदनों को दी जाएगी.
जानकारी के मुताबिक अभी तक सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थाओं, स्वायत्तशासी संस्थाओं और निगमों में यदि पति-पत्नी दोनों कार्यरत हैं, तो सिर्फ एक को ही एचआरए का लाभ मिलता था, जबकि राज्य कर्मचारी में पति-पत्नी दोनों को इसका लाभ दिया जा रहा है. राज्यकर्मियों की तरह सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थाओं, स्वायत्तशासी संस्थाओं और निगमों के कर्मचारी भी पति-पत्नी को एचआरए देने की मांग कर रहे थे.
इसके अलावा सरकार ने कमजोर वर्ग के लिए ई-रिक्शा में राहत की सौगात दी. अखिलेश यादव ने ई-रिक्शा पर लगने वाला वैट को साढ़े 12 फीसदी से घटाकर चार फीसदी कर दिया है. बाजार में 60,000 रुपये से लेकर 80,000 रुपये के बीच ई-रिक्शा आ रहा है. सरकार के इस कदम से ई-रिक्शा 5 से लेकर 7 हज़ार रुपये तक सस्ता हो जाएगा.
सरकार ने जूनियर इंजीनियरों का भी ख्याल रखा है. सरकारी, स्वायत्तशासी और निगमों में कार्यरत अवर अभियंताओं को हर महीने 400 रुपये विशेष भत्ता दिया जाएगा.
अखिलेश सरकार ने सरकारी नौकरियों में पिछड़े वर्गो की तरह अब भुर्तिया जाति को भी आरक्षण का लाभ देने की घोषणा की है. सरकार ने उत्तर प्रदेश लोकसेवा अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण में अहीर, यादव, यदुवंशी, ग्वाला के साथ भुर्तिया जाति को भी जोड़ने का फैसला किया है.
इन के अलावा प्रदेश कैबिनेट ने मथुरा के जवाहरबाग को लोहिया पार्क की तर्ज पर विकसित करने, बुंदेलखंड में विशेष पैकेज के तहत डीज़ल पंपसेट वितरित करने, गोरखपुर में एम्स के लिए मुफ्त जमीन देने, लखनऊ विकास प्राधिकरण में 197 गांवों को शामिल करने, वृंदावन-बृजधाम सदनों की निराश्रित महिलाओं व विधावाओं को और सुविधा देने, उत्तराखंड को 37 नहरों को हस्तांतरित करने आदि को भी अपनी मंजूरी दी है.
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                                        HRA In Uttar Pradesh, Akhilesh Yadav, Uttar Pradesh Government, अखिलेश यादव, लखनऊ, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, भुर्तिया जाति
                            
                        