- इलाहाबाद हाईकोर्ट में पाकिस्तान की नागरिकता छुपाकर यूपी में नौकरी करने वाली शुमायला की याचिका पर सुनवाई होगी
- शुमायला खान पर आरोप है कि उसने फर्जी निवास प्रमाणपत्र बनाकर बरेली के प्राथमिक विद्यालय में नौकरी हासिल की थी
- आरोपी महिला टीचर के खिलाफ बरेली के फतेहगंज वेस्ट थाने में विभिन्न आईपीसी धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है
इलाहाबाद हाईकोर्ट में पाकिस्तान की नागरिकता छुपाकर यूपी में नौकरी करने वाली पाकिस्तानी महिला शुमायला खान की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी. अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए शुमायला खान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की हुई है. 24 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने पाकिस्तान की नागरिकता छिपा कर बरेली के प्राइमरी स्कूल में असिस्टेंट टीचर की नौकरी करने की आरोपी शुमायला खान उर्फ फुरकाना को अंतरिम राहत देते हुए उसकी गिरफ्तारी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी.
हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
आरोपी टीचर शुमायला खान उर्फ फुरकाना ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और एफआईआर को रद्द करने की मांग की है. एफआईआर के मुताबिक रिपोर्ट याचिकाकर्ता शुमायला खान 6 नवंबर 2015 से बरेली के माधोपुर, ब्लॉक फतेहगंज स्थित एक प्राथमिक विद्यालय में पढ़ा रही थी. आरोपी टीचर के खिलाफ एफआईआर में कहा गया है कि वो जाली निवास प्रमाण पत्र के आधार पर काम कर रही थी. कोर्ट ने शुमायला खान उर्फ फुरकाना द्वारा दाखिल एक और याचिका के साथ इस याचिका को जोड़ने का आदेश दिया था.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने क्या कहा
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि कोर्ट के समक्ष मुद्दा याचिकाकर्ता की नागरिकता से संबंधित है. इसलिए मामले के अगली डेट के लिस्ट होने तक याचिकाकर्ता को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. मंगलवार को शुमायला खान उर्फ फुरकाना की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस चंद्र धारी सिंह और जस्टिस लक्ष्मी कांत शुक्ला की डबल बेंच मामले में सुनवाई करेगी. मामले के अनुसार याची शुमायला खान उर्फ फुरकाना के खिलाफ बरेली के फतेहगंज वेस्ट थाने में 14 जनवरी 2025 को एफआईआर दर्ज हुई थी.
इस मामले में क्या आरोप
ये एफआईआर खंड शिक्षा अधिकारी भानु शंकर गंगवार ने दर्ज कराई थी. याची शुमायला खान पर आरोप है कि वो पाकिस्तानी नागरिक है और फर्जी निवास प्रमाणपत्र के आधार पर वह प्राथमिक विद्यालय में असिस्टेंट टीचर बनी है. वह 6 नवंबर 2015 से बरेली जिले के फतेहगंज ब्लॉक के माधोपुर स्थित एक प्राइमरी स्कूल में पढ़ा रही थी. याची ने दर्ज मुकदमे के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. मुकदमा रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की गई है. हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है. ये मामला काफी सुर्ख़ियों में रहा है.
बता दें कि शुमायला पर आरोप लगा है कि वो पाकिस्तान की नागरिक है और भारत में अवैध रूप से निवास कर रही है. साथ ही बरेली के फतेहगंज ब्लॉक के में प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका के रूप में कार्यरत हैं और फर्जी निवास प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति हासिल की है. उन्होंने रामपुर में तहसीलदार सदर के नाम से फर्जी निवास प्रमाण पत्र तैयार कर 2015 में प्राथमिक स्कूल माधोपुर में नौकरी हासिल की है.
जांच में क्या कुछ आया सामने
शिक्षा विभाग की जांच में जब दस्तावेजों की पड़ताल की गई तो सच्चाई सामने आई. इसके बाद अक्टूबर 2024 में आरोपी महिला टीचर को निलंबित कर दिया गया. बरेली के फतेहगंज वेस्ट थाने में शुमायला खान के खिलाफ IPC की धारा 419, 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज हुआ था. कोर्ट में तर्क दिया गया कि निवास प्रमाण पत्र के निरस्तीकरण के खिलाफ याची ने पहले ही एक याचिका दाखिल कर रखी है जिसमें सुनवाई भी हो चुकी है. इस पर हाईकोर्ट ने दोनों मामलों की एकसाथ सुनवाई का आदेश दिया है.
मंगलवार को दोनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होगी. हालांकि मामला दर्ज होने के बाद ये भी सामने आया कि आरोपी टीचर लापता है और उसे यूपी पुलिस ढूंढ रही है. लेकिन अब शुमायला खान ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने वकीलों के जरिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली है.
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