
- एसपी गोयल को मनोज सिंह के रिटायरमेंट के बाद यूपी का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है
- एसपी गोयल 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और उन्होंने सिविल सर्विसेज में टॉप किया था
- योगी आदित्यनाथ और केंद्र सरकार दोनों एसपी गोयल पर भरोसा रखते हैं और वे सबसे प्रभावशाली अधिकारी माने जाते हैं
एसपी गोयल यूपी में ब्यूरोक्रेसी के नए बॉस हैं. मनोज सिंह को रिटायर होने के बाद वे राज्य के नए चीफ सेक्रेटरी बनाए गए हैं. मनोज सिंह के सेवा विस्तार के यूपी सरकार के प्रस्ताव को केंद्र ने ख़ारिज कर दिया. गुरुवार शाम 6 बजे एसपी गोयल ने मुख्य सचिव का चार्ज लिया. इसके बाद वे सबसे पहले पहुंचे 5 कालिदास मार्ग वाले बंगले पर. यूपी के मुख्यमंत्री की ये सरकारी आवास है. चीफ सेक्रेटरी बनने के तुरंत बाद गोयल ने सीएम योगी से मुलाकात की. फूलों का गुलदस्ता देकर उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताया. सीएम योगी ने भी गोयल को नई ज़िम्मेदारी की शुभकामनाएँ दी.
कौन है एसपी गोयल
एसपी गोयल 1989 बैंच के IAS अफसर हैं. वे अपने बैच के टॉपर रहे हैं. मतलब साल 1989 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा में ऑल इंडिया में उनका रैंक नंबर वन था. उनका जन्म 20 जनवरी 1967 को हुआ था. महज़ 22 साल की उम्र में ही वे IAS अधिकारी बन गए थे. साल 1990 में एसपी गोयल ने अपनी कैरियर शुरू किया था. उनकी पहली पोस्टिंग अखिलेश यादव के गृह जिले इटावा में हुई. उन्हें वहां का असिस्टेंट मजिस्ट्रेट बनाया गया. इसके बाद वे अलीगढ, बहराइच और मेरठ में सीडीओ रहे. एसपी गोयल इटावा, प्रयागराज, मथुरा और देवरिया के डीएम भी रहे.
एसपी गोयल का पूरा नाम शशि प्रकाश गोयल है. यूपी की ब्यूरोक्रेसी में उनका नाम पहली बार साल 2007 मैं चमका. ये बात उन दिनों की है जब मायावती यूपी की मुख्यमंत्री थीं. उनकी सरकार के सबसे ताकतवर अफसर न तो IAS थे और न ही IPS. उनका नाम था शशांक शेखर सिंह. मायावती ने उन्हें कैबिनेट सेक्रेटरी बनाया था. शशांक शेखर के वे चीफ़ स्टाफ़ अफसर बनाए गए थे. शशांक शेखर से ही गोयल ने प्रशासनिक काम काज की ट्रेनिंग ली. पूरे राज्य का काम काज देखने की ज़िम्मेदारी उन पर थी.
जब अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री बने तो एसपी गोयल साइडलाइन कर दिए गए. केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद वे डेपुटेशन पर दिल्ली चले गए. मानव संसाधन मंत्रालय में जॉइंट सेक्रेटरी रहे. यूपी में सत्ता परिवर्तन हुआ. चौदह सालों के बनवास के पाद यूपी की सत्ता में बीजेपी की वापसी हुई. योगी आदित्यनाथ राज्य के मुख्यमंत्री बने. तब सुनील बंसल यूपी में बीजेपी के संगठन मंत्री थे. एसपी गोयल उनके करीबी माने जाते थे. साल 2017 में एसपी गोयल सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रिंसिपल सेक्रेटरी बने. तब से अब तक वे सीएम ऑफिस में ही रहे. धीरे धीरे वे मुख्यमंत्री के सबसे भरोसेमंद अधिकारी बन गए.
यूपी का चीफ सेक्रेटरी कोई भी रहा पर सबसे ताकतवर IAS अधिकारी एसपी गोयल ही बने रहे. सीएम योगी आदित्यनाथ के भरोसे के दम पर वे अंगद की तरह जमे रहे. पिछले साल केंद्र में डेपुटेशन के लिए उन्हें NOC भी मिल गया था. पर सीएम योगी ने उन्हें अपने पास ही रखा. कहते हैं कि एसपी गोयल मुख्यमंत्री की आंख और कान है. केंद्र सरकार का भरोसा भी एसपी गोयल पर है. बैलेंस बना कर कार करने का गोयल में कमाल का हुनर है.
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