लखनऊ:
इस दिवाली लखनऊ में सोने की मिठाई बाजार में आ गई है, जिसकी कीमत है 50 हजार रुपये किलो. इन मिठाइयों में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान से मंगा कर मेवे डाले गए हैं और इन पर 24 कैरेट सोने की परत चढ़ाई गई है. यही नहीं, यहां कारीगर चांदी के रॉकेट, फुलझड़ी, चरखी और माचिस बना रहे हैं. इस बार शहर में दिवाली का ये नया रंग है.
सोने की मिठाइयां, बिल्कुल सोने के बिस्किट जैसी दिखती हैं क्योंकि इनके ऊपर 24 कैरेट शुद्ध सोने की परत चढ़ाई गई है. और इसकी लज्जत बढ़ाने के लिए इसमें ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड के मैकडामिया नट्स, अमेरिका की ब्लैकबेरी, अफगानिस्तान के काले मुनक्के, चिलगोजे और कश्मीर का केसर मिला है. इन्हें इस दिवाली पर तोहफा देने के लिए खास तौर पर तैयार किया गया है. इनकी कीमत है 50000 रुपये किलो और इसका नाम है एक्जॉटिका.
देश की सबसे महंगी मिठाई बनाने वाली कंपनी छप्पनभोग स्वीट्स के मालिक रविंद्र गुप्ता कहते हैं कि 'सोने की मिठाई के साथ दौलत का गुमान नहीं, बल्कि ये एहसास जुड़ा है कि आप जिसे चाहते हैं, जिसकी केयर करते हैं उसे कोई बेमिसाल तोहफा दे रहे हैं.
रविंद्र गुप्ता कहते हैं, 'मैंने कई बार सोचा कि अपनी मोहब्बत का इजहार करने के लिए आम आदमी 50 हजार रुपये किलो की मिठाई नहीं खरीद सकता, लेकिन मेरी दिली ख्वाहिश थी कि ये आम आदमी तक पहुंचे. इसलिए मैंने एक-एक पीस मिठाई की स्पेशल पैकिंग बनवाई. ये एंटीक टाइप बॉक्स में है, जिसे आप कम पैसे में खरीद कर गिफ्ट कर सकते हैं.
सोने की शाही मिठाइयों का मुकाबला करने चांदी के शाही पटाखे भी इस दिवाली बाजार में उतरे हैं. चांदी के रॉकेट, चांदी की चरखी और चांदी की फुलझड़ियां. यही नहीं, जब पटाखे चांदी के होंगे तो माचिस मामूली क्यों, लिहाजा चांदी के पटाखे जलाने के लिए चांदी की माचिस भी बना दी गई. लेकिन सच तो ये है कि ये सिर्फ सजाने और तोहफे देने के लिए हैं, इनमें बारूद नहीं है.
पुराने लखनऊ में टुंडे केबाब वाली गली में सर्राफ विनोद महेश्वरी के कारखाने में कारीगर चांदी के पटाखे बना रहे हैं. एक से एक खूबसूरत पटाखे. विनोद उन्हें डिजाइनिंग की बारीकियां सिखाते हुए मिले. विनोद से जब NDTV के संवादाता ने पूछा कि उन्हें चांदी के पटाखे बनाने का आइडिया कैसे आया? तो उन्होंने कहा, 'ये इको फ्रेंडली दिवाली मनाने का बेहतरीन आइडिया है और हाथ के बने चांदी के इतने खूबसूरत पटाखे जिसे गिफ्ट करेंगे, उसका दिल खुश हो जाएगा.'
इस दिवाली बाजार में और भी बहुत कुछ है, 2000, 500 और 200 के नए नोट चांदी में बनकर आ गए हैं, चांदी और सोने के ताश के पत्ते भी बाजार में हैं.
सोने की मिठाइयां, बिल्कुल सोने के बिस्किट जैसी दिखती हैं क्योंकि इनके ऊपर 24 कैरेट शुद्ध सोने की परत चढ़ाई गई है. और इसकी लज्जत बढ़ाने के लिए इसमें ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड के मैकडामिया नट्स, अमेरिका की ब्लैकबेरी, अफगानिस्तान के काले मुनक्के, चिलगोजे और कश्मीर का केसर मिला है. इन्हें इस दिवाली पर तोहफा देने के लिए खास तौर पर तैयार किया गया है. इनकी कीमत है 50000 रुपये किलो और इसका नाम है एक्जॉटिका.
देश की सबसे महंगी मिठाई बनाने वाली कंपनी छप्पनभोग स्वीट्स के मालिक रविंद्र गुप्ता कहते हैं कि 'सोने की मिठाई के साथ दौलत का गुमान नहीं, बल्कि ये एहसास जुड़ा है कि आप जिसे चाहते हैं, जिसकी केयर करते हैं उसे कोई बेमिसाल तोहफा दे रहे हैं.
रविंद्र गुप्ता कहते हैं, 'मैंने कई बार सोचा कि अपनी मोहब्बत का इजहार करने के लिए आम आदमी 50 हजार रुपये किलो की मिठाई नहीं खरीद सकता, लेकिन मेरी दिली ख्वाहिश थी कि ये आम आदमी तक पहुंचे. इसलिए मैंने एक-एक पीस मिठाई की स्पेशल पैकिंग बनवाई. ये एंटीक टाइप बॉक्स में है, जिसे आप कम पैसे में खरीद कर गिफ्ट कर सकते हैं.
सोने की शाही मिठाइयों का मुकाबला करने चांदी के शाही पटाखे भी इस दिवाली बाजार में उतरे हैं. चांदी के रॉकेट, चांदी की चरखी और चांदी की फुलझड़ियां. यही नहीं, जब पटाखे चांदी के होंगे तो माचिस मामूली क्यों, लिहाजा चांदी के पटाखे जलाने के लिए चांदी की माचिस भी बना दी गई. लेकिन सच तो ये है कि ये सिर्फ सजाने और तोहफे देने के लिए हैं, इनमें बारूद नहीं है.
पुराने लखनऊ में टुंडे केबाब वाली गली में सर्राफ विनोद महेश्वरी के कारखाने में कारीगर चांदी के पटाखे बना रहे हैं. एक से एक खूबसूरत पटाखे. विनोद उन्हें डिजाइनिंग की बारीकियां सिखाते हुए मिले. विनोद से जब NDTV के संवादाता ने पूछा कि उन्हें चांदी के पटाखे बनाने का आइडिया कैसे आया? तो उन्होंने कहा, 'ये इको फ्रेंडली दिवाली मनाने का बेहतरीन आइडिया है और हाथ के बने चांदी के इतने खूबसूरत पटाखे जिसे गिफ्ट करेंगे, उसका दिल खुश हो जाएगा.'
इस दिवाली बाजार में और भी बहुत कुछ है, 2000, 500 और 200 के नए नोट चांदी में बनकर आ गए हैं, चांदी और सोने के ताश के पत्ते भी बाजार में हैं.
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