
गाजियाबाद से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने पार्टी को कारण बताओ नोटिस का जवाब भेजा है. विधायक ने अपने जवाब में कहा कि मेरे लिए संगठन सर्वोपरि है. संगठन की टीम लोनी भेजकर पुलिस की बर्बरता की पुष्टि कराई जा सकती है. उन्होंने लिखा है कि षड्यंत्र के तहत बड़े अधिकारी के इशारे पर पुलिस कलश यात्रा पर पथराव कराना चाहती थी. उस की आड़ में पुलिस विधायक का एनकाउंटर कराना चाहती थी. विधायक का दावा है कि अनुमति के बावजूद, पुलिसिया बर्बरता किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है. भ्रष्टाचार और जरुतमंदों की आवाज उठाने के कारण अधिकारियों के इशारे पर हमला हुआ है. महिलाओं, भाजपा पार्षदों, कार्यकर्ताओं, बच्चों तक को नहीं बख्शा गया. विधायक ने सवाल पूछा कि क्या रामकथा करना गुनाह है? अगर गुनाह है तो पुनर्विचार करुंगा. विधायक ने ये भी लिखा है वो पुलिस की बर्बरता की सीडी प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और संगठन मंत्री को सौंपेंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी पर उन्हें पूरा भरोसा है कि दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होगी.
क्यों भेजा गया था नोटिस
उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने लोनी से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. भाजपा प्रदेश महामंत्री गोविन्द नारायण शुक्ला ने बताया था कि कारण बताओ नोटिस में नन्दकिशोर गुर्जर से पिछले कुछ समय से सार्वजनिक स्थानों पर की जा रही सरकार की आलोचना के साथ ही उनके वक्तव्यों और कृत्यों से पार्टी की प्रतिष्ठा को पहुंचे नुकसान के लिए स्पष्टीकरण मांगा गया है.
7 दिन में मांगा था जवाब
नोटिस में कहा गया था, "पिछले कुछ समय से आपके द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर सरकार की आलोचना की जा रही है एवं आपके वक्तव्यों तथा कृत्यों से पार्टी की प्रतिष्ठा को आघात पहुंच रहा है, जो कि अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के निर्देशानुसार आपको सूचित किया जाता है कि इस पत्र की प्राप्ति के सात दिन के भीतर स्पष्टीकरण दें, कि क्यों न आपके विरुद्ध अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाए."
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