उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एचडीएफसी बैंक कर्मचारी की काम के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. बताया जाता है कि महिला अपनी कुर्सी से गिर गई और तुरंत उनकी मौत हो गई. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. पुलिस आयुक्त राधारमण सिंह ने बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार उनके साथियों ने दावा किया कि सदफ काम के दबाव में थीं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना को बेहद चिंताजनक बताया है. अखिलेश यादव ने एक्स पर एक खबर को शेयर करते हुए लिखा, "लखनऊ में काम के दबाव और तनाव के कारण एचडीएफ़सी की एक महिलाकर्मी की ऑफिस में ही, कुर्सी से गिरकर, मृत्यु का समाचार बेहद चिंतनीय है.
लखनऊ में काम के दबाव और तनाव के कारण एचडीएफ़सी की एक महिलाकर्मी की ऑफिस में ही, कुर्सी से गिरकर, मृत्यु का समाचार बेहद चिंतनीय है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 24, 2024
ऐसे समाचार देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव के प्रतीक हैं। इस संदर्भ में सभी कंपनियों और सरकारी विभागों तक को गंभीरता से सोचना होगा। ये देश के… pic.twitter.com/Xj49E01MSs
अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, "ऐसे समाचार देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव के प्रतीक हैं. इस संदर्भ में सभी कंपनियों और सरकारी विभागों तक को गंभीरता से सोचना होगा. ये देश के मानव संसाधन की अपूरणीय हानि है. ऐसे आकस्मिक निधन काम के हालातों को सवालों के घेरे में ले आते हैं. किसी भी देश की असली तरक़्क़ी का पैमाना सेवा या उत्पाद के आंकड़े का बढ़ना नहीं होता, बल्कि ये होता है कि व्यक्ति मानसिक रूप से कितना स्वतंत्र, स्वस्थ व प्रसन्न है."
सपा प्रमुख ने कहा, "भाजपा सरकार की नाकाम आर्थिक नीतियों के कारण कंपनियों का काम-कारोबार इतना घट गया है कि अपने व्यापार-व्यवसाय को बचाने के लिए वो कम लोगों से कई गुना काम करवाती हैं. ऐसी आकस्मिक मृत्यु के लिए जितनी भाजपा सरकार ज़िम्मेदार है उतने ही जनमानस को मानसिक रूप से हतोत्साहित करनेवाले भाजपाइयों के बयान भी. इस समस्या से उबरने के लिए कंपनियों और सरकारी विभागों को ‘तत्काल सुधार' के लिए सक्रिय और सार्थक प्रयास करने चाहिए.
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