
- 233 जांबाजों को गैलेंट्री अवॉर्ड देने की घोषणा की गई है जिसमें धर्मेश कुमार शाही भी शामिल हैं.
- धर्मेश कुमार शाही UP STF के चर्चित एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हैं, जिन्हें साल 2023 में पुलिस वीरता पदक मिला था.
- धर्मेश शाही ने अब तक 50 से अधिक एनकाउंटर किए हैं और माफिया और अपराधी उनसे कांपते हैं.
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने गैलेंट्री अवॉर्ड का ऐलान (Galentry Award) किया है. इस लिस्ट में 233 जांबाजों के नाम शामिल हैं. जिनमें से उत्तर प्रदेश STF के चर्चित और विवादित DSP धर्मेश कुमार शाही भी एक हैं. उनको पुलिस का वीरता पदक यानी कि गैलेंट्री अवॉर्ड (UP STF Dharmesh Kumar Shahi) से सम्मानित किया जाएगा. साल 2023 में भी उनको वीरता के लिए पुलिस पदल मिल चुका है. वह चर्चित और विवादित दोनों हैं. चर्चित इसलिए कि वह एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से मशहूर हैं. विवादित इसलिए कि पिछले दिनों उनके सुल्तानपुर में मंगेश यादव एनकांउटर पर सवाल उठे थे.
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कब विवादों में आए धर्मेश शाही?
एनकांउटर के बाद चप्पल पहने उनकी एक फोटो वायरल हुई थी. जिसमें आरोप लगे थे कि क्या चप्पल में कोई पुलिस मुठभेड़ में शामिल होता है. विवाद बढ़ने पर STF की तरफ से सफाई आई थी कि फोटो एनकांउटर के बाद की है. आज जब पुलिस वीरता मेडल की घोषणा की गई तो डीके शाही एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं.
अपराधियों का काल हैं धर्मेश शाही
धर्मेश कुमार शाही यूपी एसटीएफ के जाने माने पुलिस अधिकारी हैं. वह एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से लोगों के बीच फेमस हैं. वह यूपी के ही देवरिया जिसे के रहने वाले हैं. डीके शाही एक ऐसा नाम हैं, जिससे माफिया और अपराधी थर-थर कांपते हैं. जानकारी के मुताबिक वह अब तक 50 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुके हैं.
धर्मेश कुमार शाही के बारे में जानिए
धर्मेश कुमार शाही या डीके शाही देवरिया के रहने वाले हैं. वह लखनऊ यूनिवर्सिटी से एलएलबी हैं. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई अपने जिले से ही की थी. जिसके बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से उन्होंने एमए किया था. फिर लॉ की पढ़ाई करने वह लखनऊ चले गए थे.
धर्मेंश शाही के करियर पर एक नजर
धर्मेश शाही ने पुलिस में अपनी नौकरी की शुरुआत साल 2001 में बातौर सब इंस्पेक्टर की थी. उनकी पहली तैनाती गोंडा जिले में हुई. इसके बाद वह लखनऊ गए. लखनऊ में पोस्टिंग होते ही उन्होंने अपराधियों के खिलाफ मुहिम शुरू कर दी. वह पहली बार साल 2004 में चर्चा में आए, जब उन्होंने दो पुलिसकर्मियों की हत्या मामले में फरार चल रहे 1 लाख के इनामी देवेंद्र उर्फ सुल्तान को अमरोहा से धर दबोचा था. इसके बाद एनकाउंटर का ये सिलसिला चलता गया. हालांकि जमशेदपुर में हुए एनकाउंटर के दौरान वह खुद भी गोली लगने से घायल हो गए थे.
दो बार मिला आउट ऑफ टर्न प्रमोशन
धर्मेश शाही को दो बार यूपी सरकार से आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी मिल चुका है. पहला प्रमोशन उनको साल 2010 में मिला, जब वह इंस्पेक्टर बने थे. और दूसरा प्रमोशन उनको साल 2019 में वह एसपी बने थे.
धर्मेश कुमार शाही से जुड़ा विवाद
एनकाउंटर की वजह से डीके शाही सवालों के घेरे में आ चुके हैं. उनके एकाउंटर पर सवाल भी उठ चुके हैं. सुल्तानपुर डकैती कांड में 1 लाख के इनामी मंगेश यादव एनकाउंटर पर अखिलेश यादव ने ही सवाल उठाए थे. अब उनको गेलेंट्री अवॉर्ड मिलने जा रहा है.
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