उत्तर प्रदेश में सूखे जैसे हालात से निपटने के लिए गुरुवार देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक ली. बैठक में कहा गया है कि यूपी में सामान्य से 62 फीसदी कम बारिश हुई है. दक्षिणी पश्चिमी मॉनसून के प्रभाव से इस साल 13 जुलाई तक मात्र 76.6 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जो कि सामान्य वर्षा 199.7 मिलीमीटर से लगभग 62% कम है. इसके चलते खरीफ की बुआई लक्ष्य का महज 44 फीसदी ही हो पाई है. यूपी में इस वक्त तक 96 लाख हेक्टेयर बुआई होती थी लेकिन इस बार महज 42 लाख हेक्टेयर हो पाई है. सबसे ज्यादा बांदा, हमीरपुर, जालौन, बलिया, बस्ती, गोरखपुर, महाराजगंज, संतकबीरनगर नगर, और श्रावस्ती जैसे जिले पर ध्यान देना है.
उत्तर प्रदेश में आमतौर पर 15 जून तक बरसात का मौसम शुरु होता रहा है, जो कि 15 सितंबर तक जारी रहता है. इस बार मानसून में देरी है. कम बारिश की वजह से खरीफ फसलों की बुआई प्रभावित हुई है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक आगामी 18 जुलाई से अच्छी वर्षा की संभावना है. लेकिन देरी से बुआई उपज को प्रभावित करती है.
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बैठक में कहा गया है कि हमें वैकल्पिक प्रबंध के संबंध में तैयार रहना होगा. सभी परिस्थितियों के लिए हमारी कार्ययोजना तैयार रहनी चाहिए. कृषि, सिंचाई, राहत , राजस्व आदि सम्बंधित विभाग अलर्ट मोड में रहें. हर जनपद में कृषि विज्ञान केंद्रों, कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि वैज्ञानिकों के माध्यम से किसानों से सतत संवाद बनाये रखें. उन्हें सही जानकारी उपलब्ध हो. बांदा, चंदौली, हमीरपुर, देवरिया, जालौन जिलों के साथ साथ बलिया, बस्ती, गोरखपुर, महराजगंज, संतकबीरनगर और श्रावस्ती जैसे जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाना अपेक्षित है.
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साथ ही कहा गया कि आगामी एक सप्ताह हमारे लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है. ऐसे में यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी पेयजल का अभाव न हो. विंध्य और बुंदेलखंड में पेयजल की सुचारु आपूर्ति बनी रहे. वन विभाग वन्य जीवों के लिए तथा पशुपालन विभाग पशुओं के पेयजल की व्यवस्था बेहतर बनाये रखे. बरसात पर निर्भर जलाशयों में जल की उपलब्धता के लिए विशेष प्रयास किए जाएं.
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