
- देवरिया के महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज की पानी टंकी में एक अज्ञात सड़ा हुआ शव मिलने से हड़कंप मच गया.
- डीएम दिव्या मित्तल ने मौके पर पहुंचकर पानी टंकी को सील कर दिया और चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया.
- डीएम ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजेश बरनवाल को कड़ी फटकार लगाई और पानी सप्लाई फिलहाल बंद कर दी गई है.
जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल होता है मेडिकल कॉलेज. यहां जिले भर से आए हजारों मरीजों का इलाज चल रहा होता है. कई एकड़ में फैले इस अस्पताल की सुरक्षा और व्यवस्था की जिम्मेवारी बड़ी अहम मानी जाती है. लेकिन यदि कोई आपसे कहे कि मेडिकल कॉलेज में जिस पानी टंकी की सप्लाई हो रही थी, उसमें किसी की सड़ी-गली लाश पड़ी थी, तो आप कहेंगे ऐसा कैसे हो सकता है... लेकिन ऐसा हुआ है. यह व्यवस्था की लापरवाही का यह गंभीर मामला यूपी के देवरिया जिले से सामने आया है.
देवरिया के महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज का मामला
दरअसल देवरिया जिले के महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज के पानी टंकी में सोमवार को एक अज्ञात सड़ा हुआ शव मिलने के बाद खलबली मच गई. टंकी में शव होने की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घंटों की मशक्कत के बाद शव को टैंक से बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. अभी तक शव की शिनाख्त नही हो पाई है.
मंगलवार को जांच के लिए पहुंचीं डीएम
अब मंगलवार को DM दिव्या मित्तल मेडिकल कॉलेज पहुंचीं और स्थलीय निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने पानी की टंकी को सील करा दिया और नाराजगी जताई है. इसी पानी की टंकी से मेडिकल कॉलेज की उस बिल्डिंग मे सप्लाई होती थी. डीएम ने मौके पर ही चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन भी किया है.
डीएम ने जांच कमेटी की गठित
डीएम की तरफ़ से गठित इस जांच कमेटी में सीडीओ, सीआरओ, एसीएमओ और सीओ सदर को शामिल किया गया है. यह समिति एक दिन के अंदर पूरी रिपोर्ट सौंपेगी. फिलहाल कमेटी ने मेडिकल कॉलेज के रिकॉर्ड रूम की छानबीन शुरू कर दी है.
डीएम ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को लगाई फटकार
वहीं निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजेश बरनवाल को कड़ी फटकार लगाई है, गंभीर बात यह है कि इसी टंकी से मिलने वाले पानी का उपयोग भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों द्वारा किया जा रहा था. फिलहाल मेडिकल कॉलेज की मुख्य पानी सप्लाई बंद कर दी गई है, और टैंकरों से पानी की व्यवस्था की जा रही है.
दूषित पानी से मरीजों को भी आ सकती है दिक्कत
अब सोचिए एक अस्पताल जो 24 घंटे खुला रहता है, हर वक़्त वहां कर्मचारियों और तीमारदारों का घूमना फिरना होता रहता है, वहां कौन होगा जो इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देकर निकल गया और किसी को भनक तक नहीं लगी. शव होने की वजह से दूषित पानी से भी ना जाने कितने मरीज़ों को भी दिक्कत आ सकती है.
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