Coronavirus: दिल्ली से सटे गाजियाबाद (Ghaziabad) के श्मशान घाट पर भी लाशें वेटिंग में लगी है. खुद बीजेपी के राज्यसभा सांसद ने योगी सरकार (Yogi Government) से कोविड बेडों की किल्लत पर चिंता जताई है. गाजियाबाद में कोविड संक्रमण से हालात बिगड़ रहे हैं. कोरोना वायरस लगातार जिदगियां छीन रहा है. श्मशान घाटों में शवों की कतार लगी है. गाजियाबाद के श्मशान घाट में आज दोपहर के दो बजे तक कई लाशों के अंतिम संस्कार का वक्त नहीं आया है. कोविड प्रोटोकॉल के तहत श्मशानघाट में जहां एक तरफ लाशें थीं तो दूसरी तरफ एम्बुलेंस भी कतार में लगी थीं. श्मशान घाट के संचालक मानते हैं कि जहां आम दिनों में 10-20 लाशें अंतिम संस्कार के लिए सुबह आती थीं, बीते दो तीन दिन से यहां 30 से 40 लाशें आ रही हैं.
श्मशान घाट की हालत जितनी खराब है सरकारी आंकड़े उतने ही संतोषजनक हैं. गाजियाबाद के 16 अप्रैल के कोविड के आंकड़ों के मुताबिक मौत शून्य हैं और कोविड के सक्रिय मरीज 2260 दिखाए गए हैं. हालात का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि 17 लाख से ज्यादा की इस आबादी में सरकारी अस्पतालों में कोविड के बेड महज 550 के आसपास हैं. इसी के चलते गाजियाबाद में रहने वाले बीजेपी के राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल अब सेना से अस्थाई कोविड अस्पताल बनाने की मांग कर रहे हैं.
अनिल अग्रवाल ने कहा कि ''दिल्ली से सटे गाजियाबाद में कोविड मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में बेड की कमी प्रतीत होती है. मैंने पत्र लिखा है, योगी आदित्यनाथ और राजनाथ सिंह जी को.''
गाजियाबाद में सरकारी और प्राइवेट मिलाकर कुल कोविड के बेड हैं 1856, जबकि सक्रिय कोविड के मरीज हैं 2250. यही वजह है कि अब आम लोगों के साथ सत्ता में बैठे मंत्री और सांसद भी चिंता प्रकट कर रहे हैं. घबराएं नहीं, बल्कि कोरोना से बचाव पर आप सख्ती से अमल करें क्योंकि सरकार फिलहाल कोरोना के सामने घुटनों पर नजर आ रही है.
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