मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ग्रेटर नोएडा को गंगाजल परियोजना समेत 1670 करोड़ रुपए की विभिन्न योजनाओं की सौगात दी. ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-4 में सीएम ने इन परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया. 85 क्यूसेक की गंगाजल परियोजना की शुरुआत होने के बाद घरों में स्वच्छ पीने योग्य जल की आपूर्ति संभव होगी. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गौतमबुद्धनगर देश ही नहीं, विदेश में भी निवेश का सबसे अच्छा गंतव्य बन रहा है. पिछले साढ़े 5 वर्षों में यहां नई-नई चीजें आई हैं. मेट्रो यहां प्रारंभ हुई, एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट जेवर में बन रहा है, फिल्म सिटी यहां बनने जा रही है, मेडिकल डिवाइस पार्क बनने जा रहा है और भी कई योजनाएं जल्द यहां आने जा रही हैं. ये क्षेत्र लाखों नौजवानों के लिए रोजगार, लाखों परिवारों को स्वावलंबन की ओर अग्रसर करने की ओर बढ़ रहा है. निवेश के नए क्षेत्र यहां बन रहे हैं. पहले हम केवल आईटी और आईटीएमएस में निवेश देखते थे लेकिन अब मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट के हब के रूप मल्टी मॉडल लॉजिस्टक हब के रूप में भी ये क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है. इन्हीं में से कुछ योजनाओं का लोकार्पण हुआ है.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, अब तक लोग गंगा स्नान करने जाते थे, लेकिन अब गंगा मइया खुद लोगों के घर तक स्वच्छ जल देने आ गई हैं. 85 क्यूसेक गंगा जल यहां उपलब्ध होने जा रहा है. यहां पर 176 किमी. पाइपलाइन का नेटवर्क बिछाया गया है, 5 एकड़ में 19 रिजर्व वायर का निर्माण हुआ. इस पर 376 करोड़ रुपए की धनराशि व्यय हुई. 4 लाख लोग इसके माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कर पाएंगे.यहां पर 28 आवासीय सेक्टर में यह सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं और मार्च 2023 तक 38 आवासीय सेक्टर तक विशुद्ध गंगाजल की आपूर्ति करने वाले हैं. सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि साढ़े 5 वर्ष पहले ये पूरा क्षेत्र मुख्यमंत्रियों के लिए अभिशप्त माना जाता था, ये पूरा क्षेत्र विकास की योजनाओं में गिद्ध दृष्टि लगाए हुए माफिया की चपेट में था जो यहां किसानों का एक ओर शोषण करते थे तो दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के नौजवानों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते थे और अथॉरिटी से जुड़ी हुई धनराशि का दुरुपयोग करते थे. यहां की औद्योगिक इकाइयां यहां से पलायन कर रही थीं. पिछले साढ़े पांच वर्षों में गौतमबुद्धनगर की तस्वीर बदली है. इसमें जनप्रतिनिधियों की सक्रिय सहभागिता, पुलिस और प्रशासन ने एक टीम के रूप में परिणाम देना प्रारंभ किया तो यहां उत्तर भारत के पहला डाटा सेंटर का भी लोकार्पण हुआ. ये डिजिटल इंडिया के मूर्तरूप और उसकी आने वाली चुनौतियों के लिए एक नई शुरुआत है. पीएम मोदी ने कुछ दिन पहले टेलीकॉम सेक्टर में 5जी का शुभारंभ किया.
उन्होंने कहा कि कि अगर पिछली सरकारें होतीं तो ये डाटा सेंटर यहां कभी नहीं लग पाता. ये कमजोरी अथॉरिटी की नहीं, पॉलिटिकल लीडरशिप की थी, जो स्वयं बेईमानी में डूबी हुई थी. यहां पर कोई भी सुरक्षित नहीं था, कार्य समयबद्ध ढंग से नहीं हो पाता था, आखिर अपनी पूंजी और स्वयं की सुरक्षा को दांव पर लगाते हुए कोई निवेशक कैसे आता. लेकिन अब तस्वीर बदल रही है. ये न केवल गौतमबुद्धनगर के प्रत्येक नागरिक की बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की तकदीर को बदलती हुई दिखाई दे रही है.मुख्यमंत्री ने कहा, कभी जेवर क्षेत्र अपराध के गढ़ के रूप में जाना जाता था. आज उत्तर प्रदेश से संगठित अपराध खत्म हुआ है. उत्तर प्रदेश से माफिया जो कभी प्रदेश की व्यवस्था के सरपरस्त हुआ करते थे, व्यवस्था का संचालन करते थे, उनके बगैर सत्ता का पत्ता नहीं हिलता था, आज वे जेलों में सड़ रहे हैं, गिड़गिड़ा रहे हैं. सीएम ने कहा कि ढेर सारे सीवेज ट्रीटमेंट का भी यहां लोकार्पण हो रहा है. इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी एंड ट्रैफिक फाइनेंस का सिस्टम भी यहां लागू हो रहा है. ट्रैफिक रूल का उल्लंघन करने वालों का आटोमैटिक चालान इसके माध्यम से कट जाएगा. बहुत जल्द इसे हम सेफ सिटी से भी जोड़ेंगे ताकि हर बेटी-बहन अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सके.
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